पूर्णिया : रंगदारी मांगे जाने का विरोध किये जाने पर रंगदार किस्म के कुछ लोगों ने एक चालक की जमकर धुनाई कर दी. मंगलवार को स्थानीय टैक्सी स्टैंड के समीप हुई इस घटना से आक्रोशित चालकों ने थोड़ी देर रोड जाम कर अपने गुस्से का इजहार किया. बाद में पुलिस के समझाने-बुझाने के बाद जाम हटाया गया लेकिन आक्रोशित चालकों का गुस्सा शांत नहीं हुआ.
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रंगदारी टैक्स देने से चालक ने विरोध किया,तो रंगदारों ने कर दी पिटाई
पूर्णिया : रंगदारी मांगे जाने का विरोध किये जाने पर रंगदार किस्म के कुछ लोगों ने एक चालक की जमकर धुनाई कर दी. मंगलवार को स्थानीय टैक्सी स्टैंड के समीप हुई इस घटना से आक्रोशित चालकों ने थोड़ी देर रोड जाम कर अपने गुस्से का इजहार किया. बाद में पुलिस के समझाने-बुझाने के बाद जाम […]
सभी चालक अपने साथ घायल साथी सीताराम यादव को लेकर पुलिस ऑफिस पहुंचे और एसपी के नाम एक आवेदन दिया. सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडे ने चालकों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया. उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई करेगी.
इधर, घायल चालक सीताराम समेत अन्य चालक विंदेश्वरी कुमार, कुंदन, राजेश कुमार, सुनील, अनिल कुमार आदि ने बताया कि एक दिन पहले यानी सोमवार को करीब 10-15 लोग टेक्सी स्टैंड पहुंचे और खुले तौर पर एेलान किया कि टैक्सी स्टैंड में गाड़ी लगानी है तो रंगदारी देनी होगी. रंगदारों ने न केवल चालकों को धमकी दी बल्कि हर गाड़ी का अलग-अलग रंगदारी टैक्स भी तय कर दिया.
टाटा 407 को 1500 रुपये, कार और पिकअप गाड़ी को एक-एक हजार रुपये और ऑटो चालकों को 500 रुपये माहवारी देना होगा. चालकों ने बताया कि वे लोग मंगलवार को करीब 11 बजे पुन: यहां आ धमके और रंगदारी मांगने लगे. इतने में एक चालक राजेश कुमार ने भय से एक हजार रुपये दे दिया.
उसी जगह खड़े चालक सीताराम यादव ने इसका विरोध कर दिया. विरोध का स्वर सुनते ही बदमाशों ने उसकी पिटाई कर दी. चालकों ने बताया कि बदमाशों ने एक शख्स का नाम लेकर रंगदारी की मांग कर रहे थे. उन्होंने बताया कि पूरा वाकया स्थानीय एक होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है. गौरतलब है कि टैक्सी स्टैंड में सड़क की दोनों तरफ करीब 200 गाड़ियां खड़ी रहती है.
दो दशक पूर्व देते थे रंगदारी: करीब दो दशक बाद शहर में अचानक रंगदारी की बात सुन हर कोई स्तब्ध है. यह अलग बात है कि टैक्सी स्टैंड में रंगदारी लेने की बात कोई नयी नहीं है. करीब दो दशक पूर्व तक रंगदारी ली जाती थी.
उस समय चालकों से हर माह माहवारी के रूप में रंगदारी वसूली जाती थी. डर के कारण कभी मामला पुलिस थानों में नहीं पहुंचा. करीब दो साल पूर्व 8 जनवरी 2018 को रंगदारी को लेकर बस स्टैंड में ताबरतोड़ गोलिया भी चलायी गयी थी.
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