पूर्णिया : ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की अवधि में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को लेकर होती है. उनके सुरक्षित प्रसव को इस बार स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करेगा. इसके लिए अभी से स्वास्थ्य विभाग उन गर्भवती महिलाओं की पहचान में जुट गया है
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बाढ़ के दौरान मिलेगी सुरक्षित प्रसव की सुविधा, प्रसव हट के लिए जगह चिह्नित
पूर्णिया : ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की अवधि में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को लेकर होती है. उनके सुरक्षित प्रसव को इस बार स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करेगा. इसके लिए अभी से स्वास्थ्य विभाग उन गर्भवती महिलाओं की पहचान में जुट गया है जो अगले तीन महीने में प्रसव की स्थिति में पहुंच जायेंगी. बाढ़ […]
जो अगले तीन महीने में प्रसव की स्थिति में पहुंच जायेंगी. बाढ़ के दौरान प्रशासन की ओर से उच्च स्थल चिह्नित कर स्वास्थ्य विभाग को सूची दी जायेगी. इस सूची के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्धारित उच्च स्थल पर प्रसव हट का निर्माण किया जायेगा.
इन प्रसव हट में प्रसूता के सुरक्षित प्रसव की सारी व्यवस्था मुकम्मल की जायेगी. जबकि बाढ़ की अवधि में गर्भवती महिलाओं के नियमित टीकाकरण को भी प्राथमिकता दी जायेगी ताकि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित और सेहतमंद रहें. टीकाकरण से शिशु वर्ग को भी आच्छादित किया जायेगा.
सांप के डसने व एंटी रेबीज की भी दवा होगी उपलब्ध
बाढ़ की अवधि में खासतौर से सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश से बचाव की दवा उपलब्ध रहेगी. बरसात के काल में सर्पदंश का खतरा खासकर ग्रामीण इलाकों में काफी बढ़ जाता है. इसे देखते हुए विशेषकर सर्पदंश से बचाव की दवा का स्टॉक दिया जा रहा है. इसके साथ ही एंटी रेबिज की दवा भी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से पीड़ितों तक पहुंचेगी.
जलशोधक दवाओं की भी समुचित उपलब्धता
बाढ़ के दौरान सबसे अधिक समस्या पेयजल को लेकर होती है. इसके लिए हैलोजन टैबलेट समेत जलशोधक दवाओं को भी पीएचसी स्तर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक एक हैलोजन टैबलेट से 20 लीटर जल को शुद्ध किया जा सकता है.
सभी पीएचसी को पर्याप्त मात्रा में दवाओं की आपूर्ति
बाढ़ की अवधि में सड़क मार्ग प्रभावित होने के कारण दवाओं की आपूर्ति में बाधा आती है. इसलिए सभी पीएचसी को अग्रिम तौर पर पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कर दी गयी है. इसके साथ ही सेंट्रल स्टोर के लिए भी दवाओं की खेप मंगायी जा रही है जिसे आपातकालीन कोष में सुरक्षित रखा जायेगा. अत्यधिक आवश्यकता पड़ने पर सेंट्रल स्टोर में रखी आपातकालीन खेप का इस्तेमाल किया जायेगा.
मोबाइल मेडिकल टीम भी रहेगी कार्यरत
प्रभावित इलाकों में अस्थायी मेडिकल टीम इलाज की सुविधा प्रदान करेगी. इस टीम के साथ ही चलंत मेडिकल टीम भी कार्यरत रहेगी. सुदूरवर्ती इलाकों में चलंत मेडिकल टीम की पहुंच की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसी भी सूरत में दूरदराज के इलाकों के मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिल सके.
कहते हैं सीएस
संभावित बाढ़ की अवधि में चिकित्सा सुविधा को हरेक स्तर पर कायम रखा जायेगा. गर्भवती महिलाओं के लिए उच्च स्थलों पर प्रसव हट बनाया जायेगा. यहां प्रसव और टीकाकरण की सुविधा मिलेगी. जलशोधक दवाओं समेत तमाम आवश्यक दवाओं की अग्रिम आपूर्ति पीएचसी को करा दी गयी है. स्टैटिक और मोबाइल मेडिकल टीम भी प्रभावित इलाकों में तैनात की जायेगी.
डॉ. मधुसूदन प्रसाद, सिविल सर्जन, पूर्णिया
डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस व जिंक टैबलेट घर-घर आपूर्ति
सुरक्षित दस्त पखवारा के अंतर्गत छोटे बच्चों को डायरिया से बचाव का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के बहाने घर-घर ओआरएस और जिंक टैबलेट पहुंचाया जा रहा है. आवश्यकता के हिसाब से अभिभावक अपने बच्चों के लिए ओआरएस व जिंक टैबलेट का इस्तेमाल करेंगे.
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