पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया में रूपौलीके टीकापट्टी थाना क्षेत्र में 10 वर्षीया तीसरी कक्षा की छात्रा को दुष्कर्म के बाद मौत के घाट उतार दिया गया. गायब होने के 12 घंटे के बाद शव मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गये. मौके पर पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. उग्र ग्रामीणों ने पुलिस को शव को उठाने से रोक दिया. करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत और समझाने-बुझाने के बाद स्थिति नियंत्रित हुई.
एसडीपीओ प्रेम सागर ने बताया कि आरोपित जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा. मामले के सभी बिंदु पर जांच की जा रही है. थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. परिजनों की ओर से किसी प्रकार का आवेदन नहीं दिया गया है. जानकारी के मुताबिक टीकापट्टी थाना क्षेत्र के कोयली सिमड़ा पश्चिम पंचायत की दस वर्षीय मृतका तीसरी कक्षा में पढ़ती थी. शुक्रवार की संध्या जब उसके मां-बाप अपने दियरा स्थित खेत से घर लौटे तो पाया कि छोटी बेटी घर पर नहीं है.
इसके बाद उनलोगों ने खोजबीन शुरू कर दी. परिजनों को लगा कि शायद वह गांव में किसी रिश्तेदार के यहां गयी हो मगर काफी ढूंढ़ने पर भी रात में उसका कुछ पता नहीं चला. काफी रात हो जाने पर लोगों ने सुबह में खोजने की सलाह दी.
घर के बगल में भांग की झाड़ी में मिला शव
शनिवार को सुबह से फिर सारे परिजन उसकी खोज में जुट गये. खोजते-खोजते मृतका का भाई दोपहर में घर से महज कुछ दूरी पर भांग की झाड़ी में पहुंचा तो बहन का शव देखकर सन्न रह गया. उसकी चीख-पुकार सुनकर परिजन वहां दौड़कर पहुंचे और देखते ही देखते पूरा गांव जुट गया. इस बीच ग्रामीणों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. सूचना पाकर टीकापट्टी थाना अध्यक्ष, रुपौली पुलिस घटना स्थल पर पहुंचे. पुलिस ने पाया कि मृतका अर्द्धनग्न है. घटनास्थल को देखकर प्रतीत हो रहा था कि उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर दी गयी है.
उग्र ग्रामीणों ने किया पुलिस के समक्ष गुस्से का इजहार
घटनास्थल पर पुलिस के समक्ष आक्रोशित ग्रामीणों ने अपने गुस्से का भी इजहार किया. टीकापट्टी थाना अध्यक्ष मनोज कुमार, रुपौली थाना अध्यक्ष मनोज कुमार दल ने लोगों को यकीन दिलाया कि पुलिस वैज्ञानिक तरीके से जांच करेगी और हर हाल में दोषी को ढूंढ निकाला जायेगा. मगर शुरू में ग्रामीण पुलिस की बात सुनने को तैयार नहीं थे और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते रहे.
जबकि, भाकपा माले के अंचल मंत्री चतुरी पासवान, सुनील सिंह ने चेतावनी दी कि आरोपित की जल्द गिरफ्तारी की जाये नहीं तो सड़क पर आंदोलन करेगी. पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग ग्रामीणों ने की. तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा. आखिर में पुलिस लोगों को शांत करने में कामयाब हुई. इसके बाद शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया.
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