पूर्णिया : मंगलवार को ओलावृष्टि के साथ हुई झमाझम बारिश से पूर्णिया शहर भी पानी-पानी हो गया है. हर गली में पानी हर मोहल्ले में पानी. सोमवार की देर रात और मंगलवार की दोपहर हुई बारिश ने शहरवासियों को चिन्ता में डाल दिया है कि बरसात के मौसम में शहर का क्या हाल होगा. इस बारिश ने शहर को जल जमाव से मुक्त किए जाने के तमाम दावों को खारिज कर दिया है.
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बेमौसम आंधी व ओलावृष्टि से किसान हताश
पूर्णिया : मंगलवार को ओलावृष्टि के साथ हुई झमाझम बारिश से पूर्णिया शहर भी पानी-पानी हो गया है. हर गली में पानी हर मोहल्ले में पानी. सोमवार की देर रात और मंगलवार की दोपहर हुई बारिश ने शहरवासियों को चिन्ता में डाल दिया है कि बरसात के मौसम में शहर का क्या हाल होगा. इस […]
आलम यह है कि बेमौसम बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया है. इससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. शहर के जयप्रकाश कॉलोनी बारिश से सबसे ज्यादा बेहाल है. कॉलोनी का दृश्य नगर निगम की व्यवस्था का पोल खोल रहा है.
कॉलोनी से तरबन्ना जाने वाली सड़क पर लोगों को पैदल चलना मुश्किल हो गया है. मंगलवार को सबसे ज्यादे परेशानी स्कूली बच्चे को हुआ. बच्चे हाथ में जूते लेकर स्कूल जाते नजर आए. कई छोटे बच्चों को अभिभावकों ने गोद में लेकर स्कूल पहुंचाया. बेमौसम बारिश से जयप्रकाश कॉलोनी की स्थिति नारकीय बनी हुई है.
वहीं बारिश से शहर के मधुबनी से पूर्णिया कालेज रोड, बाड़ीहाट, शारदानगर, राजेन्द्र नगर, शिवपुरी, नया टोला, गुलाबबाग, सिपाही टोला, शास्त्रीनगर, हाउसिंग कॉलोनी, माधोपाड़ा, जनता चौक से कोर्ट स्टेशन जाने वाली सड़क सहित अन्य मोहल्लों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. उधर, मंगलवार को बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई पर इससे शहरी क्षेत्र में बहुत नुकसान की सूचना नहीं है.
बनमनखी/जानकीनगर प्रतिनिधि के अनुसार: अनुमंडल क्षेत्र में सोमवार की अहले सुबह आंधी व बारिश ने पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. बेमौसम बारिश ने गली सड़क मोहल्ला को झीलमय कर दिया.
रात में हुई बारिश से मंगलवार की सुबह सभी सड़कें झील की तरह दिखाई दे रही थी. सड़कें कीचड़मय हो गयी. अनुमंडल क्षेत्र में सोमवार की अहले सुबह बेमौसम आंधी-पानी व ओलावृष्टि के चलते खेत में पकी खड़ी गेहूं की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है.
वहीं आम-लीची के मंजर झड़ गये हैं. जिन लोगों ने आम-लीची से मुनाफा कमाने के लिए लगान और दूसरे तरीके से आम के पेड़ हासिल किये थे, उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. इस स्थिति से किसान काफी परेशान हैं. अनुमंडल के किसानों के खेत में गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार थी.
मौसमी कहर से किसानों की फसल खराब हो गयी. क्षेत्र के किसानों ने बताया कि बीती रात तेज आंधी-पानी और ओलावृष्टि से खेत में कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल करीब-करीब चौपट हो गयी है. किसानों ने बताया कि सूखी खड़ी फसल की बाली में नमी से दाने हल्के और चमक कम हो गयी है. कटाई के दौरान फसल मिट्टी सहित उखड़ रही है.
किसानों ने फिलहाल कटाई रोक दी है. चक्रवाती हवा, बारिश और ओलावृष्टि से अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों गांवों में हरी और सूखी फसल को नुकसान पहुंचा दिया. किसानों ने बताया कि पकी फसल में बारिश के कारण दाने की चमक फीकी पड़ गई है. सूखी बाली में नमी आ गई. ऐसे में उसे आर्थिक नुकसान होने का खतरा मंडराने लगा. वहीं दूसरी तरफ आंधी और बारिश के चलते आम के पेड़ों पर आये मंजर झड़ गये हैं.
मक्का किसान घर पर दिखे खुश, तो खेत पहुंचते ही चेहरे हुए मायूस
बारिश नहीं होने से किसानों को अपने मक्का की फसल को पटवन के लिए पंपिंग सेट मोटर आदि से अपने खेत को पटवन करना पड़ता. वही रात में हुई बारिश से उनके चेहरे पर इस बात की खुशी थी. तो जानकार किसानो ने बताया कि जहां किसान महीनों से बारिश के लिए तरस रहे थे खाद लगाने के लिए वही उन किसानों के चेहरे पर रात में हुई बारिश से एक खुशी दिखी.
पर मंगलवार की सुबह किसान जब खेत पहुंचे तो उनके अंदर एक मायूसी थी कि बारिश तो हुई लेकिन उसके साथ तेज आंधी ने मक्का के पौधे को पूरी तरह से जमीन पर धराशायी कर दिया. धराशायी फसल अब सूख जाएगी और उसमें मक्का बहुत कम होगा जिससे किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ेगा.
जिन किसानों ने कर्ज़ लेकर मुनाफा कमाने के लिए मक्का के फसल में पैसों को लगाया था वे किसान अब हताशा में हैं कि उन कर्ज को अब कैसे तोड़ा जाएगा. जानकार किसान बताते हैं कि जो फसल खेत में धाराशायी हो गयी है उन फसल को काट के गाय भैंस को ही खिलाना होगा. नहीं तो वह खेत में ही सूख जाएगा.
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