19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो अलग-अलग अकाउंट में विभाजित होंगे भविष्य निधि खाते, मार्च, 2021 तक कंट्रीब्यूशन पर नहीं लगेगा टैक्स

केंद्र सरकार ने नये आयकर नियमों को अधिसूचित किया है, जिसके तहत मौजूदा भविष्य निधि खातों को दो अलग-अलग अकाउंट में विभाजित किया जायेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.

सुबोध कुमार नंदन, पटना. केंद्र सरकार ने नये आयकर नियमों को अधिसूचित किया है, जिसके तहत मौजूदा भविष्य निधि खातों को दो अलग-अलग अकाउंट में विभाजित किया जायेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. अब प्रोविडेंट फंड (पीएफ) पर मिलने वाले ब्याज की गणना के लिए पीएफ अकाउंट में ही एक अलग अकाउंट खुलेगा.

नयी अधिसूचना के बाद सभी मौजूदा इपीएफ खातों को कर योग्य और गैरकर योग्य योगदान खातों में विभाजित किया जायेगा. इसे लेकर प्रभात खबर ने आइसीएआइ पटना ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष सीए राजेश खेतान और चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष कुमार अग्रवाल से बातचीत की.

उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2021 तक किसी भी कंट्रीब्यूशन पर कोई टैक्स नहीं लगाया जायेगा, लेकिन वित्तीय वर्ष 2020-21 के बाद पीएफ खातों पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उसकी गणना अलग-अलग की जायेगी. वित्तीय वर्ष 2021-22 और उसके बाद के सालों में पीएफ खाते के भीतर अलग-अलग खाते होंगे.

नये नियम एक अप्रैल, 2022 से लागू होंगे, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 तक अगर इपीएफओ के सदस्य के खाते में सालाना 2.50 लाख रुपये से अधिक जमा होता है, तो उस पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उस पर सदस्य को टैक्स देने होंगे. इस ब्याज की जानकारी सदस्यों को अगले साल के इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी.

नियोक्ता कंट्रीब्यूशन नहीं करता है तो सालाना निवेश की सीमा पांच लाख

अगर नियोक्ता की ओर से सदस्य के पीएफ खाते में कोई कंट्रीब्यूशन नहीं किया जाता है, तो निवेश की यह सीमा सालाना 2.50 लाख से बढ़कर रुपये पांच लाख हो जायेगी. इस तरह वैसी स्थिति में सदस्य द्वारा सालाना पांच लाख रुपये तक के किये गये निवेश को टैक्स फ्री अकाउंट में ही रखा जायेगा और इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री ही होगा. इसके लिए आयकर नियमों में नया नियम 9 डी लाया गया है.

2020-21 में 8.5% है ब्याज दर

पीएफ पर ब्याज दर की सालाना समीक्षा की जाती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पीएफ ब्याज दर 8.50 फीसदी है. एक बार जब इपीएफओ एक वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दर तय करता है और वर्ष समाप्त होता है, तो ब्याज दर की आकलन महीने वार क्लोजिंग बैलेंस राशि पर की जाती है और उसे खाते में साल के अंत में क्रेडिट कर दिया जाता है. और उस पर भी अगले वित्तीय वर्ष से ब्याज की गणना की जाती है. ब्याज दर 8.50 फीसदी है और यह केवल अप्रैल, 2020 से मार्च, 2021 के दौरान की पीएफ डिपॉजिट पर लागू होगी.

रिटायर्ड कर्मियों के निष्क्रिय खातों में जमाराशि पर ब्याज नहीं

वैसे कर्मचारी जिनकी उम्र रिटायरर्मेंट की नहीं हुई है, उन्हें निष्क्रिय खातों पर ब्याज दिया जाता है, लेकिन रिटायर्ड कर्मचारियों के निष्क्रिय खातों में जमाराशि पर ब्याज नहीं दिया जाता है. निष्क्रिय खातों पर कमाये गये ब्याज पर पीएफ खाताधारक की टैक्स स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगेगा. नियोक्ता कंपनी द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना के लिए किये गये योगदान पर कर्मचारी को कोई ब्याज नहीं मिलेगा.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें