बक्सर : भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है. चुनावी घोषणा के साथ ही पूरे जिले में आचार संहित लागू हो गया. पूरे बिहार में तीन चरणों में चुनाव होना है. बक्सर जिले के चारों विधानसभा सीट पर पहले चरण में यानी 28 अक्तूबर को ही चुनाव होगा. इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी. शनिवार को जिलाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी अमन समीर ने समाहरणालय के सभागार में प्रेसवार्ता कर बताया कि जिले में राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया एक अक्तूबर 2020 से शुरू हो जायेगी. इसे लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. नामांकन की अंतिम तिथि 8 अक्तूबर को निर्धारित की गयी है. 9 अक्तूबर को स्क्रूटनी और नाम वापसी 12 अक्तूबर को होगी. वहीं, 28 अक्तूबर को जिले के चारों विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. जबकि 10 नवंबर को मतदानों की गिनती की जायेगी.
मतदाताओं को मतदान बूथ पर किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. इसके लिए हर बूथ पर हेल्प डेस्क बनाया जायेगा. सोशल डिस्टैंसिंग को लेकर महिला, पुरूष और दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए अलग-अलग लाइन की व्यवस्था रहेगी. प्रत्येक बूथ पर एक हजार से अधिक मतदाताओं को नहीं शामिल किया जायेगा.
मतदान केंद्रों पर वोटरों के कोरोना जांच को लेकर थर्मल स्क्रिीनिंग करायी जायेगी. ताकि कोरोना से लोग बचे रहें. मतदाताओं को मास्क पहनना आवश्यक होगा और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था रहेगी. नामांकन के लिए प्रत्याशी अधिकतम दो गाड़ियों से आ सकेंगे. वहीं, नामांकन प्रक्रिया को पूरी करने के दौरान केवल दो लोग साथ में रहेंगे. पूर्व में प्रत्याशी लाव-लश्कर के साथ चलते थे. ऐसे में इस बार प्रत्याशियों को इन सबसे बचना होगा.
कोरोना काल में वर्चुअल प्रचार करना है. यदि चुनावी सभा करनी हो तो इसको लेकर पूर्व में ग्राउंड की अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही ग्राउंड में लोगों के खड़ा होने में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन पूरी तरह से होना चाहिए. ऐसे में जिले में कुल 36 ग्राउंड को चिन्हित किया गया है.
जिला प्रशासन ने जिले में 476 बूथों को संवेदनशील घोषित किया है. हालांकि डीएम ने बताया कि अभी इनकी संख्या घट-बढ़ सकती है. ऐसे संवेदनशील बूथों पर जिला प्रशासन की पूरी नजर रहेगी.
जिले में सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रहेगी. इसके लिए पुलिस प्रशासन ने जहां एक ऐप बनाया है. वहीं, साइबर सेनानी के माध्यम से भी सोशल मीडिया पर निगाहें रहेंगी. एसपी ने कहा कि कोड ऑफ कंडक्ट को पूरी तरह से पालन करना होगा. इसकी निगरानी के लिए 20 अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है.
वैसे अभ्यर्थी जिन पर कोई आपराधिक मामला चल रहा है. उन्हें तथा संबंधित राजनीतिक दल को इससे संबंधित सूचना प्रपत्र में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपने खर्च पर देनी होगी और इसमें आए खर्च को अपने निर्वाचन में सम्मिलित करना अनिवार्य होगा.
posted by ashish jha