पटना सिटी. उठाओ हाथों में जब क़लम तुम, दरूद लिख दो सलाम लिख दो, शंकर कैमुरी और नबी पे पहले दरूद व सलाम होता है,फिर उसके बाद ही रौशन कलाम होता है, अमीन रहबर शायरी करते हुए यह बात कही, तो श्रोता मंत्र मुग्ध हो गये. मौका था सुल्तानगंज स्थित खानकाह हज़रत दीवान शाह अरज़ानी में ईद-उल-मिलादुन्नबी पर अखिल भारतीय नातिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का. खानाकाह के सज्जादानशीं प्रो़ सैयद शाह हसीन अहमद की सरपरस्ती में हुए मुशायरा व कवि सम्मेलन में दीवान अंक का विमोचन भी किया गया. सम्मेलन की अध्यक्षता प्रो ज़ैन रमेश और पत्रकार डॉ. रेहान गनी ने की. इसका उद्घाटन संपादक सैयद अशरफ फरीद ने की. इसके बाद प्रो डॉ. शहाब जफर आजमी ने नातिया कलाम पेश कर आरंभ किया. आयोजन में सासाराम के तनवीर अख्तर, मुजफ्फरपुर के सईद कादरी, गुलाम रब्बानी अदील, ओडिशा राउलकेला के मुख्तार राही, डाल्टेनगंज, झारखंड डॉ. अतहर मुबीन कुरैशी, सलमान सिद्दीकी, मशकूर मोईनी, हसन इमाम रिज़वी, डॉ. एजाज़ रसूल, ज़फ़र सिद्दीकी, अमीन रहबर, जमाल काकवी, मोईन गिरडवी, डाॅ नसर आलम नसर, अज़हर रसुल, शंकर कैमुरी, अहसन राशिद, वक़ी मंज़र, डा ज़ाहीद सिवानी, असर फ़रीदी, जमाल काकवी, परवेज़ आलम, ताबिश इमाम, सज्जाद वारसी समेत अन्य शायरों ने अपनी प्रस्तुति से मंत्र मुग्ध किया. संचालन डॉ. ज़ाहिद सिवानी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ सैयद हुमायूं अख्तर ने किया.
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