Water Crisis: पटना. गर्मी की दस्तक के साथ ही बिहार के जलाशयों की हालत बिगड़ने लगे हैं. इनसे तेजी से पानी गायब होने लगे हैं. हाल यह है कि इनमें हर दिन पानी कम हो रहा है और 19 फीसदी पानी शेष रह गया है. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. आयोग ने देशभर के जलाशयों की अद्यतन रिपोर्ट जारी की है. आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी क्षेत्र के राज्यों की स्थिति बहुत खराब है. यहां के जलाशयों की स्थिति पिछले साल की तुलना में और बिगड़ी है.
बीते साल के मुकाबले इस साल स्थिति गंभीर
बीते साल पूर्वी क्षेत्र के जलाशयों में 51 फीसदी पानी था, जबकि इस साल महज 46 फीसदी पानी शेष रह गया है. हालांकि इसमें बिहार की स्थिति सबसे नाजुक है. यहां के जलाशयों में केवल 19 फीसदी पानी शेष रह गया है, जबकि बीते साल यहां 32 फीसदी पानी था. सामान्य जल की उपलब्धता 27 फीसदी मानी जाती है. पिछले साल जलाशयों में सामान्य से अधिक पानी था, लेकिन इस साल सामान्य से कम पानी उपलब्ध है.
झारखंड की स्थिति भी बेहतर नहीं
आयोग की रिपोर्ट में पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों के जलाशयों को शामिल किया गया है. इसमें तीन राज्यों में जलाशयों की स्थिति बीते साल से बेहतर हुई है, जबकि तीन में खराब हुई है. एक राज्य में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. मगर बिहार में स्थिति सबसे खराब है. असम, पश्चिमी बंगाल और त्रिपुरा के जलाशयों की स्थिति बेहतर हुई है, जबकि झारखंड, ओडिशा की स्थिति बीते साल की तुलना में बिगड़ी है. नगालैंड इससे अप्रभावी रहा है.
गर्मी ने समय से पहले दस्तक दी
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल बिहार में मौसम ने समय से पहले करवट बदली है. गर्मी ने समय से पहले दस्तक दी है. गर्मी का आगमन लगभग 15 दिन पहले हो चुका है. इसके कारण जलाशयों पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है. दरअसल, बिहार में गर्मी की आहट के साथ ही जलाशयों के सूखने का सिलसिला शुरू हो जाता है. सामान्यतया जून में स्थिति अधिक बिगड़ती है, लेकिन इस बार यह संकट पहले ही आ गया है. केन्द्रीय जल आयोग देशभर के 155 जलाशयों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है. इसमें पूर्वी क्षेत्र के 25 जलाशय शामिल हैं.
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