SBI FD Rates: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की ओर से इसी दिसंबर महीने में रेपो रेट में कटौती करने के बावजूद उसका लाभ ग्राहकों को नहीं दे रहा है. आरबीआई की ओर से रेपो रेट में करीब 0.25% यानी 25 बेसिस प्वाइंट कटौती करने के बाद एसबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों पर ही हथौड़ा चला दिया है. बैंक ने अमृत वृष्टि समेत तमाम फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों की ब्याज दरों में 0.5% तक कटौती कर दी है. अब निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर 0.5% कम रिटर्न मिलेगा.
ब्याज दरों में 0.5% तक कटौती
एसबीआई ने अमृत वृष्टि समेत कई फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों की ब्याज दरों में 0.5% तक कटौती की है.इसका सीधा मतलब यह है कि अब निवेशकों को पहले के मुकाबले फिक्स्ड डिपॉजिट पर कम रिटर्न मिलेगा. बैंक की वेबसाइट पर जारी जानकारी के अनुसार, नई दरें आज से लागू कर दी गई हैं.
आम नागरिकों के लिए बदली दरें
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के मुताबिक, 2 साल से कम और 3 साल से ज्यादा अवधि वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर आम नागरिकों के लिए ब्याज दर 5 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6.45% से 6.40% कर दी गई है. इससे उन निवेशकों पर असर पड़ेगा, जो सुरक्षित निवेश के तौर पर लंबे समय के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट का विकल्प चुनते हैं.
सीनियर सिटिजन्स को भी झटका
सिर्फ आम नागरिक ही नहीं, बल्कि सीनियर सिटिजन्स को भी इस फैसले से नुकसान हुआ है. बैंक ने इसी अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर 6.95% से घटाकर 6.90% कर दी है. हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों को अब भी आम निवेशकों की तुलना में थोड़ा ज्यादा रिटर्न मिल रहा है.
अब कितना मिल रहा है फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज?
ब्याज दरों में बदलाव के बाद, एसबीआई अब आम नागरिकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3.05% से 6.45% (अमृत वृष्टि स्कीम) तक ब्याज दे रहा है. सीनियर सिटिजन्स को 3.55% से 7.05% तक ब्याज मिल रहा है, जिसमें 5-10 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट और एसबीआई वी-केयर स्कीम शामिल हैं.
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निवेशकों को नुकसान
फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में कटौती के बाद निवेशकों को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि जिन लोगों को सुरक्षित और स्थिर रिटर्न चाहिए, वे फिक्स्ड डिपॉजिट में बने रह सकते हैं, लेकिन बेहतर रिटर्न की तलाश में निवेशकों को अन्य विकल्पों पर भी नजर डालनी चाहिए. कुल मिलाकर, एसबीआई के इस फैसले ने साफ कर दिया है कि ब्याज दरों के मौजूदा दौर में फिक्स्ड डिपॉजिट निवेशकों को पहले जैसी कमाई नहीं मिल पाएगी, बल्कि नुकसान ही होगा.
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