संवाददाता, पटना
आय से अधिक संपत्ति (डीए) के करीब तीन दर्जन मामलों में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) कार्रवाई की अगली कड़ी पर अटकी हुई है. सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच पूरी होने के बावजूद आरोपी अधिकारी कानून की पेचदगियों का सहारा लेकर अपनी आय और संपत्ति से जुड़ी विस्तृत जानकारी देने से बच रहे हैं. गौरतलब है कि हाल के महीनों में एसवीयू ने ठेकेदार रिशुश्री, तारिणी दास, डीएफओ सुबोध कुमार गुप्ता, एआइजी प्रशांत कुमार और बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी श्वेता मिश्रा समेत कई अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में अवैध संपत्ति बरामद की थी. जांच एजेंसी ने इन सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर अपनी संपत्ति और आय से जुड़े साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य किया है. अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मामलों में प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन जब तक आरोपियों के लिखित जवाब नहीं मिलते, तब तक अंतिम कार्रवाई संभव नहीं है. हालांकि एसवीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि तय समयसीमा के बाद यदि जवाब दाखिल नहीं किया गया तो संबंधित आरोपितों पर प्रतिकूल धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
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