संवाददाता, पटना आत्मनिर्भर भारत की भावना को मजबूत करने और युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के नवोदय विद्यालयों के 79 विद्यार्थी अपने 13 शिक्षकों और प्राचार्यों के साथ आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू ) पटना पहुंचे. यहां उन्होंने विश्वविद्यालय के नैनो प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र और सात विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं का भ्रमण किया. भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने जाना कि नैनो टेक्नोलॉजी में किस तरह बेहद छोटे (नैनोमीटर स्तर) पदार्थों के गुणधर्म बदल जाते हैं और उनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि व चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है. छात्रों ने फूड नैनोमैटेरियल्स, सिरेमिक इंजीनियरिंग, नैनोमैटेरियल्स और नैनोमेडिसिन से जुड़े शोध कार्यों को नजदीक से देखा. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण छात्रों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार की भावना जगाने में मददगार होते हैं. छात्रों को एडवांस्ड इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, नैनो उर्वरक विकसित करने वाले स्टार्टअप्स और चुंबकीय नैनोमैटेरियल्स से हरित ऊर्जा उत्पादन जैसी परियोजनाओं की जानकारी भी दी गयी. स्कूल ऑफ नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी के प्रमुख डॉ राकेश कुमार सिंह ने छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इतिहास व दैनिक जीवन में उनके महत्व पर प्रेरक व्याख्यान दिया. उन्होंने आइआइटी कानपुर के प्रो एचसी वर्मा द्वारा विकसित सात सस्ते और रोचक वैज्ञानिक प्रयोगों का प्रदर्शन भी किया, जिससे बच्चों में शोध और प्रयोग की भावना को प्रोत्साहन मिला.
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