Vegetable export from Bihar: बिहार के किसानों की मेहनत अब वैश्विक मंच पर रंग ला रही है. ‘सहकारिता में सहकार’ अभियान के तहत औरंगाबाद में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने स्पष्ट किया कि अब राज्य के किसानों को अपनी उपज सस्ते दामों में बेचने की मजबूरी नहीं रहेगी. उन्होंने बताया कि बिहार की सहकारी समितियों ने वह कर दिखाया है, जो पहले असंभव माना जाता था विदेशों तक सब्जियां और फल पहुंचाना.
1500 किलो फल-सब्जियां दुबई रवाना, नेपाल-सिंगापुर से भी मांग
मंत्री ने जानकारी दी कि हाल ही में बिहार से लगभग 1500 किलो ताजे फल और सब्जियां परवल, करैला, बैंगन, कटहल, केला और जर्दालु आम दुबई भेजे गए हैं. नेपाल से करीब 5000 किलो सब्जियों की मांग भी आई है और सिंगापुर से इस विषय में बातचीत चल रही है. यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि बिहार को अंतरराष्ट्रीय कृषि बाजार में नई पहचान भी दिलाएगी.
हर हफ्ते विदेश भेजी जा रही 45 मीट्रिक टन सब्जी
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में एक ट्रायल प्रोजेक्ट के तहत हर सप्ताह लगभग 45 मीट्रिक टन सब्जियां विदेश भेजी जा रही हैं. यह ट्रायल सफल रहा, तो इसकी मात्रा और क्षेत्र दोनों को विस्तार दिया जाएगा, जिससे सहकारी समितियों और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.
बिहार के किसानों को मिलेगा कोल्ड स्टोरेज का सहारा
फसलों के नुकसान को रोकने और कृषि उपज को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने नई योजना की घोषणा की है. हर प्रखंड में 10-10 मीट्रिक टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे, जिनमें 20 मीट्रिक टन का गोदाम, कार्यालय और वाहन पार्किंग की सुविधा भी शामिल होगी. प्रत्येक कोल्ड स्टोरेज पर 1.14 करोड़ रुपए की लागत आएगी. पहले चरण में 52 प्रखंडों में इस योजना की स्वीकृति मिल चुकी है.
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वैशाली के किसानों से टमाटर खरीदेगा हिंदुस्तान लिवर
मंत्री ने यह भी बताया कि हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां भी अब बिहार के किसानों की ओर रुख कर रही हैं. वैशाली जिले के टमाटर उत्पादक किसानों से टमाटर की खरीद को लेकर कंपनी विचार कर रही है, जिससे किसानों को बाजार का सीधा लाभ मिलेगा.