Bihar News: पूर्व रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखंड जमालपुर-भागलपुर पर तीसरी रेल लाइन बिछाने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है. लंबे समय से यात्री और मालगाड़ी दोनों के परिचालन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है. सर्वे का काम पहले ही पूरा हो चुका है और अब कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
सिंगल लाइन से शुरू हुई थी कहानी
जमालपुर और रतनपुर के बीच पहले केवल एक ही सुरंग थी, जिससे अप और डाउन दोनों दिशाओं में ट्रेनों का परिचालन होता था. वर्ष 2019 में दूसरी सुरंग की खुदाई शुरू हुई और 2022 में उसे चालू कर दिया गया. इसके बाद इस खंड पर ट्रेनों की संख्या और रफ्तार दोनों में इजाफा हुआ. बावजूद इसके, दो पटरियों पर रोजाना तीन दर्जन जोड़ी यात्री और मालगाड़ियों का दबाव बना रहता है. नतीजा यह होता है कि कहीं यात्री ट्रेनों को रोकना पड़ता है, तो कहीं मालगाड़ियों को.
मालगाड़ियों को मिलेगा डेडीकेटेड ट्रैक
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यात्री ट्रेनों की तुलना में सबसे ज्यादा राजस्व मालगाड़ियों से प्राप्त होता है. फिलहाल ईसीएल राजमहल से निकलने वाले कोयले के रैक उत्तर बिहार तक पहुंचने में काफी देर कर जाते हैं. तीसरी लाइन बिछने के बाद मालगाड़ियों के लिए डेडीकेटेड ट्रैक उपलब्ध होगा. वर्तमान में जहां मालगाड़ियों की औसत गति 10–15 किमी प्रतिघंटा है, वहीं नई लाइन के बाद यह 50–60 किमी प्रतिघंटा तक बढ़ जाएगी.
यात्रियों को भी होगा फायदा
तीसरी लाइन बनने से न सिर्फ मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी, बल्कि यात्री ट्रेनों की समयपालन क्षमता भी सुधरेगी. अभी कई बार मालगाड़ियों के कारण पैसेंजर ट्रेनें विलंबित हो जाती हैं. अतिरिक्त पटरी के बाद यह समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी. समय पर ट्रेन चलने से रेलवे के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी और यात्रियों का भरोसा और मजबूत होगा.
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