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मुआवजे के लिए 14 घंटे सड़क पर बैठे रहे मृतकों के परिजन व ग्रामीण

patna news: मसौढ़ी. मसौढ़ी- पितवांस मार्ग स्थित धनीचक मोड़ के पास रविवार देर रात ट्रक-टेंपों के बीच हुई टक्कर में सात लोगों की मौत हो गयी थी.

मसौढ़ी.

मसौढ़ी- पितवांस मार्ग स्थित धनीचक मोड़ के पास रविवार देर रात ट्रक-टेंपों के बीच हुई टक्कर में सात लोगों की मौत हो गयी थी. इधर, दुर्घटना के विरोध व मुआवजे की मांग को लेकर भाकपा माले के नेतृत्व में रविवार देर रात से सोमवार दोपहर तक लोगों ने सड़क पर शव रख मसौढ़ी-पितवांस मार्ग को करीब 14 घंटे तक जाम रखा. इस दौरान मृतकों के परिजनों को दस लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी, परिजनों को तमाम तरह की सरकारी सुविधाएं व सड़क मार्ग के किनारे लगे पेड़ों की कटाई व सड़क के चौड़ीकरण करने की मांग कर रहे थे.

मौके पर जाम वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी, विधायक गोपाल रविदास, स्थानीय विधायक रेख देवी, माले नेता कमलेश कुमार, नागेश्वर पासवान, राकेश कुमार समेत अन्य पार्टी कार्यकर्ता कर रहे थे. मौके पर एसडीओ अमित कुमार पटेल, एसडीपीओ नभ वैभव, बीडीओ प्रभाकर कुमार समेत अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और उनसे सड़क जाम खत्म करने का आग्रह किया. लेकिन आक्रोशित मुआवजे की मांग व डीएम को घटना स्थल पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे. उनका आरोप था कि प्रशासन मुआवजा का आश्वासन तो देता है, लेकिन उसके बाद मुआवजा मिलने में महीनों बीत जाता है.

सड़क जाम रहने से रविवार की देर रात से सोमवार की दोपहर करीब दो बजे तक मसौढ़ी-बतपुर मार्ग पर वाहनों का परिचालन ठप रहा. श्रम अधीक्षक नेहा आर्या ने ग्रामीणों को बताया कि अगर मृत श्रमिक पंजीकृत होंगे तो उनके आश्रितों को चार लाख और बिना को बिहार शताब्दी योजना के तहत आश्रितों को दो लाख रुपये मुआवजा मिलेगा.

आश्वासन के बाद ही सड़क जाम खत्म हो सका व पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया. रविवार की रात से सड़क पर इधर-उधर पड़े शवों को जब पुलिस सोमवार की दोपहर उठाकर वाहन पर रखने लगी तो महौल गमगीन हो गया.

डोरीपर व बेगमचक गांव में पसरा रहा सन्नाटा, नहीं जले घरों में चूल्हे

घटना में डोरीपर व बेगमचक गांव छह लोगों को मौत हो गयी थी. दोनों गांव के महिला-पुरुष घटनास्थल पर भूखे प्यासे डटे रहे. दोनों गांव में किसी घर में चूल्हा नहीं जला. अब कैसे कटेगी जिंदगी, बेटियों की कैसे होगी शादी : मृतकों में टेंपो चालक सुशील राम व मजदूर उमेश बिंद की विधवा की स्थिति ज्यादा ही खराब थी. टेंपो चालक सुशील की विधवा रिंकू देवी व मजदूर उमेश बिंद की विधवा सुमंती देवी अपने बच्चों से लिपट रो रही थी कि अब कैसे कटेगी जिंदगी. वहीं सुमंती देवी अपनी चार पुत्रियों के साथ लिपट रोते-रोते बोल रही थी, कैसे होगी इनकी शादी. बताया जाता है कि टेंपो चालक सुशील बेहद गरीब था.

देर शाम फतुहा गंगा नदी किनारे सभी का हुआ अंतिम संस्कार

मसौढ़ी के धन्नीचक मोड़ के पास बीते रविवार की रात टेंपो व ट्रक की टक्कर में हुई सात लोगों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार सोमवार को देर शाम फतुहा स्थित गंगा नदी के तट पर संपन्न हो गया. इसके पूर्व सभी का पोस्टमार्टम पीएमसीएच में सोमवार की शाम किया गया.

विजय कुमार यादवेंदु ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद सभी के शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. बाद में उनके परिजन देर शाम अंतिम संस्कार कर दिये. इस दौरान परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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