संवाददाता, पटना
वन्यप्राणी सप्ताह के छठे दिन, संजय गांधी जैविक उद्यान पटना में स्कूली और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए चित्रकारी प्रतियोगिता और वन्यजीव विशेषज्ञों के व्याख्यानों का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सायंस कॉलेज, बीएन कॉलेज, पटना वीमेंस कॉलेज, लोयला हाइस्कूल, लिट्रा वेली स्कूल, शिवम कॉन्वेंट स्कूल और जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल से लगभग 200 छात्र और छात्राओं ने पटना जू के पदाधिकारियों और कर्मियों के साथ भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत वाइल्ड लाइफ थीम पर आयोजित चित्रकारी प्रतियोगिता से हुई, जिसमें 110 स्कूली बच्चों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. इसके बाद जैव-विविधता पर्षद की इंटर्न सहबाज और असफिया जफर ने वर्तमान में मॉथ और तितली के महत्व पर विस्तार से चर्चा की और जैव-विविधता में उनकी भूमिका को समझाया.पक्षी विशेषज्ञ ने साझा किये 30 वर्षों के शोध अनुभव
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पक्षी विशेषज्ञ आनंद कुमार ने छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने देश और विदेश में पायी जाने वाली पक्षियों की प्रजाति, उनकी कुल संख्या, भारत में प्रवासी पक्षियों का आगमन और पक्षियों के व्यवहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी. आनंद कुमार ने अपने 30 वर्षों के कार्यकाल के दौरान पक्षियों पर किये गये शोध के अनुभव को साझा किया. उन्होंने बताया कि पक्षी जैव-विविधता में एक सूचक की तरह कार्य करते हैं और उनका संरक्षण जैव-विविधता के संतुलन को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

