संवाददाता, पटना बिहार सरकार से बाल एवं किशोर श्रम उन्मूलन के लिए राज्य रणनीति एवं कार्य योजना 2025 को स्वीकृति मिलने के बाद अब बाल श्रम कराने वालों पर सख्ती बढ़ायेंगे. नये स्टेट एक्शन प्लान में 14 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी कारखाने या खादान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जायेगा या किसी अन्य खतरनाक रोजगार में नहीं लगाया जायेगा. वहीं, खुदाई और खादानों में भी काम नहीं करेंगे. श्रम संसाधन विभाग के मुताबिक बाल श्रम से मुक्त सिर्फ वैसे बच्चे रहेंगे, जो पारिवारिक उद्यमों और मनोरंजन उद्योग को छो़ड़कर किसी भी व्यवसाय व प्रकिया में बच्चों के रोजगार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. निशुल्क शिक्षा की होगी व्यवस्था एक्शन प्लान के तहत सभी निजी विद्यालयों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जायेंगी और बाल श्रमिकों जैसे विद्यालय छोड़ने वाले बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण का प्रावधान भी किया जायेगा. वहीं,बच्चों की ट्रैकिंग भी होगी, ताकि उसकी पढ़ाई की जानकारी विभाग के पास रहें और बाल श्रम करने वाले बच्चे पढ़ाई करके कुछ कर सकें. हर जिले में होगा निधि का गठन प्रत्येक जिले में अथवा दो या अधिक जिलों के लिए एक निधि का गठन करेगी, जिसे बाल एवं किशोर बन पुनर्वास निधि कहा जायेगा, जिसने ऐसे जिले या जिलों के अधिकार क्षेत्र के भीतर बालक एवं किशोर के नियोक्ता से वसूले गये जुर्माने की राशि जमा की जायेगी. वहीं, धावा दल की संख्या बढ़ायी जायेगी. पंचायत स्तर पर धावा दल बनाया जायेगा और वैसे जिलों में अधिक अभियान चलाया जायेगा. जहां से बाल श्रमिकों की सबसे अधिक शिकायतें आते हैं.
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