Sports in Bihar: पटना. बिहार जल्द ही ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी तैयार करेगा. इसके लिए 8 शहरों में खेल गांव का निर्माण जल्द होनेवाला है. प्रमंडलीय मुख्यालयों में जमीन चिह्नित कर ली गई है. दो प्रमंडल सहरसा और पूर्णिया में टेंडर जारी कर दिया गया है. यहां जल्द ही निर्माण शुरू होगा. लक्ष्य है कि इन दोनों जगहों पर खेल गांव का निर्माण 2025 अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. खेल गांव में एथलेटिक्स के ट्रैक समेत हर तरह की सुविधा होगी. इसके अलावा फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल, बैंडमिंटन, बॉस्केट बॉल, कबड्डी, खो-खो आदि खेलों के लिए सुविधाओं का इंतजाम होगा. यहां खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों आदि के ठहरने का भी बेहतर इंतजाम किया जाएगा.
सारण और मुंगेर में जमीन की तलाश
दरभंगा मेंभी जमीन मिल गयी है. इसके हस्तांतरण की कार्रवाई चल रही है. मुजफ्फरपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज की जमीन खेल गांव के लिए चिह्नित की गई है. भागलपुर में तिलका मांझी विश्वविद्यालय की जमीन चिह्नित की गई है. इन दोनों संस्थानों से भूमि हस्तांतरण को लेकर अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेने की प्रक्रिया चल रही है. एनओसी मिलते ही, यहां खेल गांव निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. छपरा में जो जमीन चिह्नित की गई थी, वह उपयुक्त नहीं पाई गई है. वहां, नए सिरे से जमीन की तलाश जिला प्रशासन कर रहा है. इसी तरह गया और मुंगेर में भी जमीन चिह्नित हो गई है और आगे की कार्रवाई चल रही है.
पटना में बनेगा सबसे बड़ा खेल गांव, पुनपुन में प्लान
बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में खेल गांव का निर्माण होना है. पटना में 100 एकड़ तथा अन्य जगहों पर उपलब्ध भूमि के अनुसार 15 से 20 एकड़ में खेल गांव बनेंगे. सबसे बड़ा खेल गांव पटना में 100 एकड़ में बनेगा. इसके लिए पुनपुन में निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. जिला प्रशासन को इसके लिए अधियाचना भेजी जा रही है. पहले चरण के लिए राशि भी स्वीकृत कर ली गई है. विभागीय पदाधिकार निर्माण विभाग प्रस्तुतिकरण से डिजाइन आदि की जानकारी देगा, जिस पर अनुमति प्राप्त करनेके बाद ही खेल गांव का निर्माण शुरू होगा. बिहार में खेल सुविधाओं का विकास तथा ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी तैयार करने को लेकर व्यापक स्तर पर सरकार काम कर रही है. इसी क्रम में बिहार के हर प्रमंडल में खेल गांव विकसित किया जा रहा है.
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