Patna News: पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान की तस्वीर अब बदलने वाली है. मैदान की घास को नुकसान, उड़ती धूल और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. अब गांधी मैदान में युवक-युवतियां दौड़, कूद-फांद या प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े फिजिकल टेस्ट का अभ्यास नहीं कर सकेंगे. कोचिंग संस्थानों और निजी प्रशिक्षकों द्वारा कराए जा रहे शारीरिक अभ्यास पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है.
क्यों लिया गया है यह निर्णय?
दरअसल, लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि फिजिकल ट्रेनिंग के कारण गांधी मैदान की हरियाली खत्म हो रही है. जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं, जिससे धूल उड़ती रहती है और आसपास रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों की लिखित शिकायतों के बाद मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया.
इन जगहों पर युवा कर सकेंगे फिजिकल ट्रेनिंग
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि युवाओं के शारीरिक अभ्यास पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि इसके लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराए गए हैं. अब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी गंगा पथ, कलेक्ट्रेट घाट और अन्य निर्धारित स्थानों पर फिजिकल ट्रेनिंग कर सकेंगे, जहां पर्याप्त जगह और बेहतर सुविधाएं मौजूद हैं.
ऐसे बदलेगा गांधी मैदान का स्वरूप
गांधी मैदान को फिर से हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के लिए कई स्तर पर काम किया जाएगा. सबसे पहले धूल नियंत्रण के लिए सुबह और शाम नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाएगा, ताकि इलाके में बढ़ते एक्यूआई लेवल को कंट्रोल किया जा सके. इसके साथ ही मैदान की खाली और क्षतिग्रस्त जगहों पर नए सिरे से घास लगाई जाएगी.
वॉकिंग ट्रैक और पाथ-वे की भी होगी मरम्मत
जहां पेड़-पौधों की कमी है, वहां पौधारोपण किया जाएगा. श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति को गांधी मैदान के सौंदर्याकरण और विकास से जुड़े सुझावों पर अमल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मैदान के अंदर बने वॉकिंग ट्रैक और पाथ-वे की भी मरम्मत होगी. कई जगहों पर टूटे ट्रैक को दुरुस्त किया जाएगा और जरूरत के अनुसार नए वॉकिंग ट्रैक बनाए जाएंगे, ताकि आम लोग सुरक्षित तरीके से टहल सकें.
सुरक्षा व्यवस्था भी होगी मजबूत
सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा. गांधी मैदान के चारों ओर नियमित पुलिस गश्त होगी और जहां रोशनी की कमी है, वहां नए स्ट्रीट लाइट लगाए जाएंगे. प्रशासन का मानना है कि इन कदमों से गांधी मैदान अपनी पुरानी गरिमा और हरियाली वापस पा सकेगा.

