संवाददाता, पटना राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी है.इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.वे बुधवार को विधानसभा में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. मंत्री ने कहा कि बिहार राजस्व सेवा अंतर्गत मूल कोटि के पद राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष ग्रेड में स्वीकृत बल 1603 के विरुद्ध वर्तमान में कार्यरत बल 906 है एवं इस वित्तीय वर्ष में कुल 168 अभ्यर्थियों को राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष पद पर नियुक्त किया गया है.बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 287 पदों की अधियाचना की गयी है.वहीं,राजस्व कर्मचारी के स्वीकृत पद 8463 के विरुद्ध वर्तमान में कार्यरत बल 4180 है और रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति हेतु कुल 3559 पदों के लिए अधियाचना बिहार कर्मचारी चयन आयोग को प्रेषित की गयी है.अमीन के कुल स्वीकृत पद 1809 के विरुद्ध वर्ष-2023 में कुल 1761 अमीनों की नियुक्ति की गयी है.योगदान नहीं देने के कारण रिक्त हुए कुल 271 पदों के विरुद्ध पर्षद से प्राप्त 172 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हेतु अनुशंसा के आलोक में विभाग द्वारा जिला आवंटित की गयी है. मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी 537 अंचलों में ऑनलाइन दाखिल-खारिज का निष्पादन किया जा रहा है.साथ ही, सृजित जमाबंदियों को डिजिटाइज्ड कर आमलोगों के अवलोकन के लिए विभागीय वेबसाइट पर अपलोड किया गया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है. सात फरवरी 2025 तक ऑनलाइन माध्यम से दाखिल खारिज के लिए1.35 करोड़ याचिकाएं दायर की गयी, जिनमें 1.32 करोड मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. जो कुल निष्पादन का 98.03 प्रतिशत है. शेष याचिकाओं के निष्पादन की कार्रवाई की जा रही है, जबकि परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से डिजिटाइज्ड जमाबंदी में परिलक्षित त्रुटियों में सुधार और डिजिटाइज्ड नहीं किये गये जमाबंदी को ऑनलाइन की जाती है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि सरकार मठ-मंदिरों की संपत्ति को लेकर गंभीर है.आये दिन खबर आती है कि मठ-मंदिरों की हजारों एकड़ जमीन बेची जा रही है.इन संपत्तियों पर भूमि माफियाओं की नजर है.इसको देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विधि विभाग के साथ मिलकर काम करने की तैयारी में है. परिसंपत्तियों के पूरा ब्योरा उपलब्ध करवाने के लिए विधि विभाग को छह मार्च को पत्र लिख गया है.विभाग चाह रहा है मठ-मंदिरों की पूरी संपत्ति का ऑनलाइन ब्योरा हो,ताकि जमीन बचायी जा सके. इन जमीन के सर्वे के लिए भी विधि विभाग से सहयोग मांगा गया है.
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