संवाददाता,पटना बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. चुनावी तैयारियों के सिलसिले में राजद खास चुनावी सर्वेक्षण करा रहा है. इस सर्वे में जातीय आधार पर जनता का मूड भांपने का प्रयास किया जा रहा है. एक विशेष एजेंसी के जरिये यह कवायद राज्यभर में शुरू हो गयी है. पार्टी का ये आकलन इसलिए खास माना जा रहा है कि इसमें लोगों से संभावित प्रत्याशी के बारे में नहीं पूछा जा रहा है. इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि वह ऐसी कौन सी जाति है, जिसकी अधिक से अधिक अन्य जातियों में स्वीकार्यता है. सियासी जानकारों के अनुसार इस बार राजद के लिए यह चुनाव ‘करो या मरो’ अथवा आर-पार की लड़ाई जैसा है,क्योंकि इस बार हुई चूक पार्टी को लंबे समय के लिए पीछे धकेल सकती है. इस तरह जातीय स्वीकार्यता के बाद प्रत्याशी चयन के लिए सर्वे कराया जा सकता है. इस तरह राजद ने इस बार चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी चयन में वह किसी भी प्रकार की गलती नहीं करना चाहता है. सियासी जानकारों के अनुसार यह सर्वेक्षण विधानसभा वार किया जा रहा है. राजद प्रत्याशी चयन तक करीब तीन सर्वेक्षण और करायेगा.
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