संवाददाता, पटना सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौराधाम मंदिर को अब अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जायेगा. इसके लिए बिहार सरकार ने नया कानून बनाया है, जिसे बिहार हिंदू धार्मिक न्यास (संशोधन) अध्यादेश, 2025 कहा गया है. यह अध्यादेश 23 मई को बिहार गजट में प्रकाशित हो गया है. सरकार का कहना है कि यह जगह देवी सीता की जन्मस्थली मानी जाती है , लेकिन यहां अब तक बहुत कम विकास हुआ है, जबकि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि को भव्य रूप दिया गया है और लाखों श्रद्धालु वहां आते हैं. इसी तरह पुनौराधाम को भी रामायण सर्किट से जोड़ा जायेगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. सरकार ने आदेश दिया है कि अब मंदिर के विकास के लिए एक नयी समिति बनेगी. इस समिति में सम्मानित लोग शामिल होंगे, जो मंदिर की देखरेख और विकास की जिम्मेदारी संभालेंगे. इसके साथ ही मौजूदा न्यास समिति को भंग कर दिया गया है, यानी पुराने पदाधिकारी अब काम नहीं करेंगे. हालांकि, मंदिर के वर्तमान महंथ को नयी समिति में जगह दी जायेगी. मंदिर के कर्मचारी पहले की तरह काम करते रहेंगे, लेकिन वे नयी समिति के नियंत्रण में रहेंगे. मंदिर की जमीन, संपत्ति अब सरकार की बनायी समिति के जिम्मे सरकार की बनायी नयी समिति अब मंदिर की सभी संपत्तियों और जमीन की देखरेख करेगी. यह समिति सरकार को रिपोर्ट देगी और सरकार जो निर्देश देगी, उसका पालन करना होगा. जरूरत पड़ने पर सरकार इस योजना में बदलाव भी कर सकती है या समिति के सदस्यों को बदल सकती है. सरकार का मानना है कि अयोध्या और पुनौराधाम के बीच गहरा धार्मिक संबंध है. इसलिए सीता जन्मस्थली को भी एक बड़ा धार्मिक केंद्र बनाना जरूरी है. इससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी और पर्यटन से स्थानीय लोगों को लाभ भी होगा.
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