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1 मई से बिहार के सभी थाने हो जायेंगे ऑनलाइन, कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाना होगा आसान, ऐसे कर सकेंगे शिकायत व FIR

पहले फेज के तहत राज्य के 894 थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) का काम पूरा हो गया है. इस वर्ष अप्रैल तक निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध मार्च मध्य में ही सीसीटीएनएस काम पूरा कर लिया गया है. अब पुलिस मुख्यालय ने सेकेंड फेज के तहत 162 थानों में सीसीटीएनएस के तहत काम की शुरुआत कर दी है. इसे भी अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस हिसाब से एक मई तक राज्य के सभी थाने सीसीटीएनएस की सुविधा से लैस हो जायेंगे.

पहले फेज के तहत राज्य के 894 थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) का काम पूरा हो गया है. इस वर्ष अप्रैल तक निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध मार्च मध्य में ही सीसीटीएनएस काम पूरा कर लिया गया है. अब पुलिस मुख्यालय ने सेकेंड फेज के तहत 162 थानों में सीसीटीएनएस के तहत काम की शुरुआत कर दी है. इसे भी अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस हिसाब से एक मई तक राज्य के सभी थाने सीसीटीएनएस की सुविधा से लैस हो जायेंगे.

गौरतलब है कि जिन थानों को सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन किया जा रहा है, वो न्यायालय भी लिंक हो जा रहे हैं. इसके कारण थानों से कोर्ट तक एफआइआर, केस डायरी , चार्जसीट आदि को डिजिटल तरीके से भेजने की शुरुआत की गयी है. अप्रैल के अंत तक सभी 1094 थानों के लिए यह सुविधा लागू हो जायेगी. राज्य में यह लगभग 250 करोड़ की योजना है.

वहीं, पुलिस मुख्यालय इस वर्ष अप्रैल से नौ ऑनलाइन सुविधाओं की शुरुआत करने जा रहा है. जैसे ही सीसीटीएनएस के तहत सभी 1094 थानों को ऑनलाइन करने का काम पूरा होगा. वैसे ही पुलिस विभाग एक पोर्टल को लांच करेगा. फिर पोर्टल के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन शिकायत से लेकर सीनियर सिटीजन रजिस्ट्रेशन सहित अन्य सात सुविधाएं मिलेंगी.

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गौरतलब है कि राज्य में सीसीटीएनएस योजना की शुरुआत सितंबर 2018 हुई थी. इसके तहत थानों को ऑनलाइन किया जाना है. इसे बीते वर्ष अक्तूबर तक पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना आदि कारणों से छह माह की देरी से काम पूरा किया जा रहा है. एडीजी (आधुनिकीकरण) डाॅ केके सिंह ने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल तैयार हो चुका है. वर्तमान में इसका ट्रायल किया जा रहा है.

पुलिस विभाग जिस पोर्टल को लांच करेगा, इसमें आम आदमी से जुड़ी नौ सुविधाओं की ऑनलाइन होंगी. इसमें पहला ऑनलाइन शिकायत होगा. इसके अलावा अगर शिकायत एफआइआर में बदलता है तो ऑनलाइन केस ट्रैकिंग की सुविधा रहेगी.

कैरेक्टर वैरिफिकेशन और कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन किये जायेंगे. इसके साथ ही उस पोर्टल पर सरवेंट वैरिफिकेशन, सीनियर सिटीजन रजिस्ट्रेशन, मीसिंग परसन की शिकायत, वाहनों की जांच आदि की सुविधा भी दी जायेगी. इससे राज्य के लोगों को एक बड़ा फायदा मिलेगा. हालांकि, पुलिस इस पर केस डायरी को साझा नहीं करेगी.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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