संवाददाता, पटना पीएचइडी ने महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण इलाकों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के सिलसिले में दिये गये 826 करोड़ रुपये के अनुबंध को रद्द कर दिया है. इस निर्णय के बाद पीएचइडी के अधिकारियों कई अधिकारियों को भी जांच के दौरान घेरा जा सकता है.बुधवार को भी इसको लेकर विभागीय जांच हुई, जिसमें यह पाया गया कि अभी तक जो भी निर्णय टेंडर रद्द करने के लिए लिया गया है. वह सही है. विभाग का मानना है कि 826 करोड़ से अधिक रुपये का निविदा में गड़बडी हुई है. ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार को दोबारा किस कारण से मिला काम, होगी जांच विभागीय समीक्षा में टेंडर प्रक्रिया में किस तरह से गड़बड़ी हुई और इसमें कौन से अधिकारी व कर्मी मिले हुए रहते हैं. इसकी जांच के लिए मंत्री सेल के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.वहीं विभाग इसकी भी जांच करेगा कि 17 माह के भीतर कितने टेंडर हुए और कितने को काम नहीं करने वाले को ब्लैक लिस्टेड किया गया. साथ ही, विभाग के द्वारा ब्लैक लिस्टेड एजेंसी, ठेकेदार को किस कारण से काम मिला. इन बिंदुओं पर भी जांच करने का निर्देश दिया गया है. इन योजनाओं में भी हुई है गड़बड़ी देर रात तक विभाग में चलता था काम : विभागीय सूत्रों की मानें, तो विभाग में एक ऐसे मंत्री भी थे, जो छह बजे के बाद आफिस पहुंचते थे. जब विभाग पूरी तरह से खाली हो जाता था. कई बड़ी-बड़ी गाड़ियां भी लगती थी और पीएचइडी में ठेकेदारी और टेंडर का काम होता था, लेकिन इस दौरान कुछ एक अधिकारी व कर्मी भी रहते थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है