Petrol Pump: बिहार में अब पेट्रोल पंप खोलना किसी सपने जैसा नहीं रहा. राज्य सरकार ने नियमों को आसान बनाते हुए छोटे भूखंडों पर भी स्टेशन खोलने की इजाजत दे दी है. इससे युवाओं और कारोबारियों को नए अवसर मिलेंगे और शहरी जनता को बेहतर सुविधा.
क्या है नया नियम?
बिहार में अब पेट्रोल पंप या CNG स्टेशन खोलने के लिए बड़ी जमीन की जरूरत नहीं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में निर्णय लिया गया कि अब केवल 20 मीटर x 20 मीटर की जमीन पर भी स्टेशन खोला जा सकेगा. इस बदलाव को बिहार भवन उपविधि, 2014 (संशोधित 2025) के तहत लागू किया गया है. अब इच्छुक व्यक्ति कम जमीन के बावजूद कानूनी रूप से स्टेशन खोलने के योग्य होंगे.
पहले क्या था नियम?
पहले बिहार के शहरी इलाकों में पेट्रोल पंप या CNG स्टेशन खोलने के लिए एक नियम था, जिसके अनुसार जमीन 30 मीटर लंबी और 20 मीटर चौड़ी होनी जरूरी थी. इतनी बड़ी जमीन हर जगह मिलना मुश्किल था, जिस वजह से बहुत से लोगों को परेशानी होती थी. लेकिन, अब इस नियम को बदल दिया गया है. बिहार भवन उपविधि, 2014 (संशोधित 2025) के तहत यह फैसला लिया गया है कि अब इससे छोटे भूखंड पर भी पेट्रोल पंप या CNG स्टेशन खोला जा सकता है.
पहले क्या थी बाधा?
पुराने नियमों के मुताबिक ज़मीन का आकार 30 मीटर x 20 मीटर होना जरूरी था. शहरी इलाकों में इतनी बड़ी ज़मीन मिलना मुश्किल था, जिससे आवेदनकर्ता हताश हो जाते थे.
बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की संख्या बना कारण
बिहार में बीते कुछ वर्षों में वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. दोपहिया, चारपहिया और CNG वाहनों की बढ़ती संख्या ने ईंधन स्टेशनों की मांग को भी बढ़ाया है. खासकर पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और दरभंगा जैसे शहरी केंद्रों में पेट्रोल पंपों की संख्या पर्याप्त नहीं होने के कारण लोगों को कई किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता था.
सरकार का मानना है कि छोटे भूखंडों पर भी पेट्रोल पंप खोलने की इजाजत मिलने से अब हर मोहल्ले और प्रमुख सड़क मार्गों के आस-पास स्टेशन बन सकेंगे. इससे ना सिर्फ लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि फ्यूल सप्लाई सिस्टम भी मज़बूत होगा.
Also Read:Inspirational Story, Siwan: जब 13 साल की मासूम नेहा बनी ‘नेत्रदान दिवस’ की मिसाल

