सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने महिलाओं के मासिक धर्म और स्त्री रोग की समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इसमें कोर्ट से गुहार लगायी गयी है कि इस बारे में सरकार दिशा निर्देश जारी करे . एसोसिएशन का कहना है कि कार्यस्थल और शैक्षणिक संस्थानों में मासिक धर्म और संबंधित स्त्री रोग संबंधी समस्याओं के दौरान महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य, सम्मान, शारीरिक स्वायत्तता और गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन न हो, इस बारे में कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं होने के कारण उन्हें असहज समस्याओं से जूझना पड़ता हैं. याचिका में कहा गया है कि एक विश्वविद्यालय में महिला कर्मचारियों पर अपमानजनक जांच करने की कोशिश की गयी है कि वे मासिक धर्म से गुजर रही हैं या नहीं. एससीबीए ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि यह सुनिश्चित किया जाये कि कार्यस्थल और शैक्षणिक संस्थानों में मासिक धर्म और स्त्री रोग संबंधी समस्याओं के दौरान महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य, सम्मान, शारीरिक स्वायत्तता और गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन नहीं हो सकें.
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