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पटना में बालू घाटों की सबसे बड़ी नीलामी शुरू, अवैध खनन पर अब चलेगा सरकार का बुलडोजर

Patna: पटना जिले में अवैध बालू खनन पर नकेल कसने और निर्माण कार्यों के लिए सस्ते दर पर बालू उपलब्ध कराने को लेकर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. गंगा, सोन, पुनपुन और दरधा नदियों के 148 घाटों की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है.

Patna: पटना ज़िले में अवैध बालू खनन और निर्माण कार्यों के लिए बढ़ती बालू की कमी से निपटने के लिए प्रशासन ने अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार, 13 मई को खनन एवं भूतत्व विभाग ने जिले की चार प्रमुख नदियों गंगा, सोन, पुनपुन और दरधा के कुल 148 बालू घाटों की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो अगले पांच वर्षों तक वैध रहेगी.

अब छोटे व्यापारी भी कर सकेंगे खनन का कारोबार

जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, सभी घाटों को पांच एकड़ के छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा गया है ताकि पहले की तरह केवल बड़े ठेकेदार न हावी हों और छोटे निवेशकों को भी बराबरी का मौका मिले. खास बात यह है कि सभी घाटों को पहले से ही पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, जिससे यह प्रक्रिया कानूनी और पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण से भी अधिक पारदर्शी मानी जा रही है.

नीलामी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन

ई-नीलामी में भाग लेने वाले इच्छुक आवेदक 15 मई 2025 से patna.nic.in वेबसाइट पर जाकर निविदा दस्तावेज डाउनलोड कर सकते हैं. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 12 जून 2025, शाम 4 बजे तय की गई है. चयनित बोलीदाताओं को नवंबर 2025 से खनन की अनुमति दी जाएगी.

अवैध खनन पर नकेल कसने की तैयारी

पटना में अवैध बालू खनन कोई नई समस्या नहीं है. वर्ष 2023 में जिला प्रशासन ने कई बार छापेमारी कर कार्रवाई की थी 172 छापों में 414 वाहन जब्त हुए और 48 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना वसूला गया, फिर भी खनन पूरी तरह नहीं रुका. अब उम्मीद की जा रही है कि वैध खनन के जरिए सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी होगी और अवैध खनन की गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी.

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2024 में बना था नया कानून

बिहार सरकार ने 2024 में अवैध खनन रोकने के लिए सख्त कानून बनाया था जिसके तहत पहली बार पकड़े जाने पर 5 लाख रुपये और दूसरी बार में 10 लाख रुपये तक जुर्माना तय किया गया था. बार-बार उल्लंघन की स्थिति में खनन लाइसेंस रद्द करने का भी प्रावधान है. मगर इन नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर अब भी सवाल उठते हैं, खासकर जब पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत की शिकायतें समय-समय पर सामने आती रही हैं.

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