Patna News: राजधानी पटना में प्लास्टिक कचरे को कम करने की दिशा में एक नई और आकर्षक पहल जमीन पर उतर आई है. नगर निगम द्वारा लगाए गए ‘रिवर्स वेंडिंग मशीन’ से जुटे प्लास्टिक वेस्ट को अब रीसाइकल कर उपयोगी उत्पादों में बदला जा रहा है. पहली खेप में करीब 10 टन प्लास्टिक प्रोसेस कर टी-शर्ट और कैप तैयार की गई हैं. आगे चलकर इन्हें ग्रीन प्वाइंट के आधार पर शहरवासियों को इनाम के तौर पर दिया जाएगा.
शहर के पांच पॉइंट पर मशीनें
पटना नगर निगम की इस पहल का मकसद सिर्फ कचरा समेटना नहीं, बल्कि लोगों की भागीदारी बढ़ाना भी है. रिवर्स वेंडिंग मशीनों से जमा प्लास्टिक बोतलें और कैरी बैग अब रीसाइकल होकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों में ढल रही हैं. पहली खेप में बने कैप और टी-शर्ट सैंपल के तौर पर प्रदर्शित किए गए हैं, ताकि लोगों को यह भरोसा मिले कि उनका दिया प्लास्टिक वाकई काम का बन रहा है.
फिलहाल शहर में पांच जगह रिवर्स वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं. जेपी गंगा पथ पर दो, मौर्यलोक परिसर में एक और मीनार घाट पर दो मशीनें स्थापित की गई हैं. नगर निगम के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विशेषज्ञ अरविंद कुमार के अनुसार, प्रत्येक मशीन करीब दो टन तक प्लास्टिक कचरा संग्रहित कर सकती है. यानी इन पांच मशीनों से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक सीधे रीसाइक्लिंग चेन में जा रहा है.
कैसे मिलेंगे ग्रीन प्वाइंट
इन मशीनों का इस्तेमाल बेहद आसान रखा गया है. लोग खाली प्लास्टिक बोतल या कैरी बैग मशीन में डालेंगे, फिर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करेंगे. इसके बदले मशीन उन्हें ग्रीन प्वाइंट देगी. जमा किए गए प्लास्टिक की मात्रा के हिसाब से प्वाइंट्स जुड़ते जाएंगे और तय सीमा पूरी होने पर इनाम मिलेगा.
नगर निगम ने इनाम का सिस्टम भी साफ तय कर दिया है. 150 ग्रीन प्वाइंट पूरे होने पर रीसाइकल प्लास्टिक से बनी एक कैप दी जाएगी. वहीं 300 ग्रीन प्वाइंट पर टी-शर्ट इनाम के तौर पर मिलेगी. खास बात यह है कि ये कैप और टी-शर्ट भी उसी प्लास्टिक से बनी होंगी, जिसे लोग खुद मशीनों में डालेंगे.
लोगों की भागीदारी से बदलेगा शहर
नगर निगम का मानना है कि यह पहल प्लास्टिक कचरे को कम करने के साथ-साथ नागरिकों को जिम्मेदार बनाने में भी मदद करेगी. जब लोगों को अपने छोटे से प्रयास का सीधा फायदा दिखेगा, तो वे प्लास्टिक बोतलें सड़कों या नदियों में फेंकने के बजाय मशीनों तक लाने के लिए प्रेरित होंगे.
इस पहल से न सिर्फ शहर में प्लास्टिक प्रदूषण घटेगा, बल्कि रीसाइक्लिंग को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी. गंगा किनारे लगे मशीनें खास तौर पर नदी में प्लास्टिक जाने से रोकने में मदद करेंगी. नगर निगम को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मशीनों की संख्या बढ़ाई जाएगी और ग्रीन प्वाइंट के दायरे में और भी उत्पाद जोड़े जाएंगे.
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