Patna News: पटना की सड़कों पर हर दिन बढ़ती भीड़ और पार्किंग संकट को देखते हुए नगर निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने तीन जगहों पर हाइड्रोलिक बाइक पार्किंग बनाने का फैसला लिया था. इसमें बोरिंग रोड, कदमकुआं वेंडिंग जोन और मौर्यलोक परिसर शामिल थे.
अचानक फैसला बदलते हुए बोरिंग रोड की जगह स्टेशन स्थित मल्टी मॉडल हब को चुन लिया गया. इस निर्णय से बोरिंग रोड के स्थानीय लोगों और दुकानदारों में नाराजगी है. उनका कहना है कि अगर यहां पार्किंग बनती तो सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने की समस्या से मुक्ति मिल जाती.
बोरिंग रोड पर लोगों की नाराजगी
राहगीर सन्नी ने बताया कि बोरिंग रोड पर पार्किंग की सबसे बड़ी समस्या है. यहां गाड़ी लगाने की जगह नहीं मिलती और अक्सर अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है. उनका कहना था कि नगर निगम ने इस इलाके की असल समस्या को नजरअंदाज कर दिया है. “अगर यहां पार्किंग बनती तो गाड़ियां सुरक्षित रहतीं और लोगों को सहूलियत मिलती,” उन्होंने कहा.
स्थानीय दुकानदार अरविंद ने कहा कि बोरिंग रोड पटना का हाईफाई इलाका माना जाता है. शाम होते ही यहां मेला-सा लग जाता है. लोग खाने-पीने, घूमने और खरीदारी के लिए यहां जुटते हैं. इस भीड़ में पार्किंग की व्यवस्था न होना सबसे बड़ी परेशानी है. लोग मजबूरी में सड़क पर बाइक लगा देते हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित होता है और पुलिस चालान भी काट देती है. अगर पार्किंग बनती तो ये सारी समस्या खत्म हो जाती,” अरविंद ने कहा.
नगर निगम का तर्क और स्टेशन क्षेत्र का चयन
पटना स्मार्ट सिटी की जनसंपर्क पदाधिकारी प्रिया सौरभ ने इस फैसले पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि बोरिंग रोड में पहले पार्किंग की योजना थी, लेकिन स्थल निरीक्षण के दौरान वहां पर्याप्त जगह नहीं मिली. इसके विपरीत स्टेशन क्षेत्र में फुट-फॉल काफी अधिक है. यहां रोजाना हजारों लोग आते-जाते हैं और बाइक पार्किंग की जरूरत महसूस होती है. इसलिए मल्टी मॉडल हब में इस सुविधा को देने का निर्णय लिया गया.
उनके मुताबिक, हाइड्रोलिक पार्किंग से न सिर्फ लोगों को सहूलियत मिलेगी बल्कि सड़क किनारे अवैध तरीके से पार्किंग करने की समस्या भी कम होगी. चोरी की घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा.
डिजाइन और निर्माण की रूपरेखा
हाइड्रोलिक बाइक पार्किंग का 3D डिज़ाइन पहले ही तैयार किया जा चुका है. तीनों जगहों—मौर्यलोक, कदमकुआं और मल्टी मॉडल हब—में इसी महीने से काम शुरू होने वाला है. अनुमान है कि तीन महीने में निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.
एक यूनिट की लंबाई नौ मीटर और चौड़ाई सात मीटर होगी. पूरा ढांचा स्टील का बनेगा और इसमें 96 बाइक पार्क करने की क्षमता होगी. तीनों पार्किंग मिलाकर 288 दोपहिया वाहनों को खड़ा किया जा सकेगा. हर यूनिट के निर्माण पर 1.14 करोड़ रुपये खर्च होंगे और तीनों प्रोजेक्ट्स की कुल लागत 3.42 करोड़ रुपये आएगी.
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