Patna Durga Puja Security: पटना में इस बार दुर्गा पूजा और विजयादशमी का उत्सव सिर्फ भक्ति और आस्था से ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और तकनीक के साथ भी रोशन होने वाला है. शहर के पंडालों से लेकर घाटों तक, भीड़ से लेकर बिजली तक—हर मोर्चे पर प्रशासन की पैनी नजर है. 415 स्थानों पर 3300 कैमरों से होने वाली चौबीस घंटे की निगरानी इस बार त्योहार की सबसे बड़ी ढाल मानी जा रही है.
24 घंटे की नजर, हर कदम पर सुरक्षा
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईट्रिपलसी) ने इस बार दुर्गा पूजा को पूरी तरह सुरक्षित बनाने की कमान संभाल ली है. शहर में कुल 415 स्थानों पर 3300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
इन कैमरों से पूजा पंडालों, मुख्य मार्गों और सार्वजनिक स्थलों की पल-पल की तस्वीरें कंट्रोल रूम तक पहुंच रही हैं. संदिग्ध हरकत या अचानक हुई कोई भी घटना तुरंत स्क्रीन पर आ जाएगी और मौके पर तैनात सुरक्षा बलों को अलर्ट कर कार्रवाई की जाएगी.
गांधी मैदान बना नियंत्रण का केंद्र
विजयादशमी के दिन गांधी मैदान में उमड़ने वाली भीड़ का अंदाजा किसी को लगाना मुश्किल नहीं. ऐसे में प्रशासन ने यहां अस्थायी कंट्रोल रूम बनाने का फैसला किया है. जिला प्रशासन और बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इसी मैदान से भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और यातायात की निगरानी करेंगे.
यहां से निर्देश सीधे मैदानी स्तर पर तैनात बलों तक पहुंचेंगे. इसके अलावा, पूरे शहर में लगे 69 पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगातार नागरिकों को सुरक्षा, स्वच्छता और भीड़ नियंत्रण से जुड़ी सूचनाएं देते रहेंगे.
इमरजेंसी कॉल बॉक्स: एक बटन दबाते ही मदद
त्योहार में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पटना शहर के 51 स्थानों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए गए हैं. HELP बटन दबाते ही कॉल सीधे आईट्रिपलसी से जुड़ जाएगी और मदद तुरंत मौके पर पहुंचेगी. भीड़भाड़ वाले इलाके और प्रमुख पंडालों के पास यह सुविधा खासतौर पर कारगर साबित होगी.
समस्या होने पर इन नंबरों पर कर सकते है फोन
एसरसपी- 9031825812, सिटी एसपी मध्य-903182513, सिटी एसपी पूर्वी- 9031825814, सिटी एसपी पश्चिमी 9031825814, डायल -112
बिजली पर रहेगी पैनी नजर
त्योहार के दौरान अंधेरा या बिजली की समस्या भक्तों की आस्था पर पानी न फेर दे, इसके लिए भी तैयारी पुख्ता है. पेसू ने पटना के सभी 13 डिवीजनों में कंट्रोल रूम बना दिए हैं. किसी भी खराबी की सूचना मिलते ही तकनीकी दल मौके पर पहुंचेगा. इस बार खास बात यह है कि हर आधे किलोमीटर पर जेई और लाइनमैन की तैनाती की गई है, ताकि मरम्मत में देर न हो.
घाटों पर एसडीआरएफ की तैनाती
विजयादशमी के बाद जब मूर्तियों का विसर्जन होगा, तब गंगा और अन्य नदियों के घाटों पर हजारों लोगों की भीड़ जुटेगी. इसे देखते हुए एसडीआरएफ की आठ टीमें गायघाट, गांधी घाट, लॉ कॉलेज घाट, भद्रघाट, दीघा घाट, नासरीगंज घाट और नारियल घाट पर तैनात की गई हैं. इसके अलावा बाद, पुनपुन और मनेर के घाटों पर भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.
गोताखोरों, मोटर बोट और महाजाल जैसी सुविधाओं के साथ ये टीमें हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी. खास बात यह है कि दो अक्तूबर को गंगा नदी में निजी नावों का परिचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. सिर्फ पंजीकृत नाव और लाइफ जैकेट से लैस नाविक ही घाटों पर मौजूद रहेंगे.
सुरक्षा का नया चेहरा: तकनीक और सतर्कता
इस बार दुर्गा पूजा में सुरक्षा का ढांचा परंपरागत से कहीं आगे निकल गया है. तकनीकी नजर और मानवीय सतर्कता का यह संगम श्रद्धालुओं के लिए निश्चिंत माहौल बनाने की कोशिश है. सीसीटीवी कैमरे, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, इमरजेंसी कॉल बॉक्स, घाटों पर एसडीआरएफ और बिजली की चुस्त व्यवस्था… सब मिलकर एक संदेश देते हैं कि त्योहार सिर्फ भक्ति का नहीं, बल्कि अनुशासन और सामूहिक जिम्मेदारी का भी अवसर है.
पटना की गलियों में जब मां दुर्गा की आराधना की गूंज होगी, तब शहर के हर कोने पर लगी तकनीकी आंखें इस गूंज को सुरक्षित बनाए रखने के लिए चौकस रहेंगी. गांधी मैदान की भीड़ से लेकर घाटों के जल तक, प्रशासन हर जगह मौजूद रहेगा. इस बार का दशहरा सिर्फ रावण दहन का पर्व नहीं, बल्कि यह भरोसा भी है कि तकनीक और तैयारी मिलकर हर उत्सव को सुरक्षित बना सकती है.

