Patna Dairy Project Inspection: फुलवारी शरीफ स्थित पटना डेयरी प्रोजेक्ट (सुधा) में शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का औचक दौरा सिर्फ एक निरीक्षण नहीं था, बल्कि राज्य में डेयरी सेक्टर के व्यापक विस्तार की घोषणा जैसा था. उत्पादन इकाइयों, आइसक्रीम प्लांट, दही कोल्ड रूम और प्रोसेसिंग सेक्शनों का गहन निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और दुग्ध सहकारी समितियों के विस्तार से लेकर प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने तक कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए.
CM नीतीश ने किया औचक निरीक्षण
फुलवारी शरीफ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना डेयरी प्रोजेक्ट (सुधा), फुलवारी शरीफ का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने उत्पादन इकाइयों, आइसक्रीम प्लांट, दही कोल्ड रूम और अन्य सेक्शनों का बारीकी से जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक भी की और डेयरी सेक्टर के समग्र विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए.मुख्यमंत्री का यह दौरा डेयरी सेक्टर में बड़े बदलावों और विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
21 हजार से अधिक दुग्ध समितियां, 7.5 लाख पशुपालक जुड़े
बैठक में कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक शीर्षत कपिल अशोक ने प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति, विस्तार योजना और दुग्ध उत्पादकों से जुड़े आंकड़ों की प्रस्तुति दी. उन्होंने बताया कि राज्य में ग्रामस्तरीय दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 21 हजार से अधिक है, जिनसे 7.5 लाख पशुपालक जुड़े हुए हैं, जिनमें लगभग 25 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं.
प्रतिदिन औसतन 22 लाख किलोग्राम दूध का संकलन किया जाता है, जो अधिकतम 30 लाख किलोग्राम प्रतिदिन तक पहुंच जाता है. कॉम्फेड की वर्तमान प्रसंस्करण क्षमता 54 लाख लीटर प्रतिदिन है और इसे और बढ़ाने की योजना पर कार्य हो रहा है.
प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने और मार्केट नेटवर्क विस्तार पर जोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुग्ध उत्पादन समितियों का विस्तार तेज गति से करें. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को समितियों से जोड़ने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. मुख्यमंत्री ने प्रोसेसिंग क्षमता, प्रोक्यूरमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर और मार्केट नेटवर्क में भी व्यापक विस्तार का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि प्लांट में कार्यरत कर्मियों के आवास की व्यवस्था भी प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 से लागू कृषि रोड मैप ने राज्य के किसानों और दूध उत्पादकों की आय बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है. कॉम्फेड के माध्यम से किसानों को उनके दूध का उचित मूल्य मिल रहा है. सुधा द्वारा नए–नए उत्पाद लगातार बाजार में उतारे जा रहे हैं, जिससे राज्य की डेयरी इंडस्ट्री और मजबूत हुई है.
सुधा उत्पादों का विस्तार
प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों ने बताया कि कॉम्फेड के खुदरा विक्रय केंद्रों की संख्या बढ़कर 37 हजार हो गई है, जिनमें 914 होल-डे-मिल्क बूथ शामिल हैं. सुधा के उत्पादों की उपलब्धता अब बिहार, झारखंड सहित दिल्ली, कोलकाता और पूर्वोत्तर राज्यों तक हो चुकी है. नालंदा डेयरी परियोजना में UHT प्लांट के कारण कॉम्फेड देश के विभिन्न हिस्सों में दूध की आपूर्ति कर रही है. वर्ष 2025 में कॉम्फेड ने 5 मीट्रिक टन घी अमेरिका और 8 मीट्रिक टन गुलाबजामुन कनाडा निर्यात कर अपनी वैश्विक उपस्थिति भी दर्ज कराई है.
निरीक्षण के दौरान पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव सह कॉम्फेड अध्यक्ष डॉ. एन. विजयलक्ष्मी, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. चंद्रशेखर सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ. गोपाल सिंह, जिलाधिकारी पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम., कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक शीर्षत कपिल अशोक और पटना डेयरी प्रोजेक्ट के एमडी रूपेश राज सहित कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

