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Bihar News: मुंगेर. नगर निगम मुंगेर शहरवासियों के साथ विकास-विकास का खेल खेल रहा है. बिना मास्टर प्लान के करोड़ों रुपये से बड़े-बड़े नाले व पीसीसी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. इन योजनाओं की आनेवाले दिनों में उपयोगिता क्या होगी, भविष्य क्या होगा, इसकी तनिक भी चिंता नहीं है. हद तो यह है कि शहर में जो बड़े पैमाने पर बॉक्स नाले बनाये जा रहे हैं, उनमें अधिकतर ऐसे नाले हैं, जिनकी जलनिकासी की ही व्यवस्था नहीं की गयी है. निगम के इस अनियंत्रित विकास से शहरवासियों को सुविधा के बदले आनेवाले दिनों में परेशानी ही बढ़नेवाली है. सहायक अभियंता सूरज कुमार ने बताया कि कार्यपालक अभियंता का प्रभार भागलपुर के कार्यपालक अभियंता को दिया गया है. योजना स्थल पर हर दिन हमलोग जाते हैं और गुणवत्तापूर्ण विकास कार्य को अंजाम दिलवा रहे हैं. जलनिकासी और लेवलिंग की जहां भी समस्या है, उसके बारे में बताएं, हमलोग उसका समाधान कराएंगे.
शहर का हो रहा बिना मास्टर प्लान के अनियंत्रित विकास
नगर निगम की ओर से वर्तमान समय में शहर के सभी 45 वार्डों में अनियंत्रित तरीके से विकास हो रहा है. 90 ग्रुप में टेंडर कर शहर का विकास किया जा रहा है. किसी ग्रुप में एक, तो किसी ग्रुप में 2-2, 3-3 योजनाएं शामिल हैं. शहर में वर्तमान समय में लगभग 200 से अधिक पीसीसी सड़क व बॉक्स नाले तथा खुले नालाें के निर्माण का काम चल रहा है. करोड़ों रुपये से शहर में गली-नाली की योजनाएं चल रही हैं. इसमें जो सबसे अहम बात है वह यह है कि योजनाएं न तो मास्टर प्लान के तहत ली गयी हैं और न ही भविष्य को देख कर ली गयी हैं. एक ओर जहां बिना तोड़े पीसीसी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, तो दूसरी ओर बिना जलनिकासी की व्यवस्था किये ही नाले बनाये जा रहे हैं. बिना ब्लू प्रिंट के शहर का विकास करना एक गंभीर समस्या है. इससे अव्यवस्थित निर्माण, संसाधनों का दुरुपयोग, पर्यावरण को नुकसान और भविष्य की जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं.
नाले में नहीं हो रहा लेवलिंग
शहर के पूरबसराय मुफस्सिल थाने के सामने ललमटिया कब्रिस्तान के समीप बॉक्स नाला का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. न ही अन्य नालों से उसे कनेक्ट किया गया है. बड़ी बाजार समेत अन्य वार्डों में भी जो नाला का निर्माण किया जा रहा है, उसका भी यही हाल है. हद तो यह है कि न तो नाला की लेवलिंग सही हो रही है और न ही जलनिकासी की व्यवस्था है. इतना ही नहीं, जो नाले बनाये जा रहे हैं, वह सड़क से ऊंचे बन रहे हैं. सड़कों से जलनिकासी के लिए नालों में पानी आने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है.
नाले बढ़ा रहे टेंशन, कैसे होगी सफाई
नगर निगम की ओर से जो भी नाले बनाये जा रहे हैं, वह सभी बॉक्स नाले हैं. खुले नालों की तो निगम प्रशासन जैसे-तैसे सफाई करवा दे रहा है, लेकिन बॉक्स नालों की सफाई निगम के लिए मुश्किल भरा होगा. बॉक्स नालों की सफाई के लिए कंप्रेसर मशीन की आवश्यकता होगी, जो हाई प्रेशर वाटर जेटिंग या एयर ब्लोइंग के लिए इस्तेमाल होती है, ताकि कीचड़, गाद और कचरे को बाहर निकाला जा सके. इन मशीनों में शक्तिशाली एयर कंप्रेसर, नोजल और नली लगी होती है. इससे पानी या हवा का तेज दबाव बनता है, जो नालियों को अंदर से साफ करता है.
प्रभार में चल रहा निगम का अभियंत्रण विभाग
मुंगेर. नगर निगम का अभियंत्रण विभाग प्रभार में चल रहा है. यहां के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार का तबादला दो माह पूर्व हो गया. वर्तमान समय में भागलपुर नगर निगम के कार्यपालक अभियंता भूपेंद्र सिंह को मुंगेर नगर निगम के कार्यपालक अभियंता का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. उनके पास पहले से ही बेगूसराय, खगड़िया नगर निकाय का प्रभार है. सप्ताह में एक दिन वह मुंगेर आते हैं. इधर कार्यपालक अभियंता के नहीं रहने से सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता की बल्ले-बल्ले है. यहां पर दो एई एवं पांच जेई तैनात हैं. योजना स्थल पर खुदाई व ढलाई के वक्त वह मौजूद नहीं रहते हैं. संवेदक अपनी मर्जी से बिना ट्रेंड मिस्त्री व मजदूर से जैसे-तैसे योजनाओं का काम करा रहे हैं.
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