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फर्जी डिग्री वाले तकनीकी सहायकों की अब खैर नहीं, कैंप लगाकर सर्टिफिकेट की होगी जांच

Panchayati Raj Department: बिहार के पंचायती राज विभाग ने तकनीकी सहायकों की फर्जी डिग्री और संदिग्ध प्रमाणपत्र से जुड़ी बढ़ती शिकायतों पर बड़ा कदम उठाया है. विभाग ने सभी जिलों में कैंप लगाकर उनके एजुकेशनल और टेक्निकल सर्टिफिकेट की जांच का आदेश दिया है.

Panchayati Raj Department: बिहार के पंचायती राज विभाग ने तकनीकी सहायकों द्वारा फर्जी डिग्री और नकली सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने के बढ़ते मामलों पर सख्त कदम उठाया है. विभाग ने राज्य के सभी जिलों में कैंप लगाकर उनके सभी एजुकेशनल और टेक्निकल सर्टिफिकेट की पूरी तरह जांच करने का आदेश दिया है. सात साल पहले हुई भर्ती प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठ रहे थे, जिसके बाद इस जांच से पूरे सिस्टम में हड़कंप मचा हुआ है.

विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी शम्स जावेद अंसारी ने सभी डीएम को निर्देश भेजा है. इसमें बताया गया है कि 25 जुलाई 2018 के आदेश के अनुसार हर चार पंचायतों पर एक तकनीकी सहायक की बहाली की गई थी. लेकिन अब भी कई शिकायतें मिल रही हैं कि कई तकनीकी सहायकों ने फर्जी डॉक्यूमेंट देकर नौकरी हासिल की है. विभाग ने साफ कहा है कि अगर किसी का प्रमाणपत्र नकली पाया गया, तो उसकी नौकरी तुरंत खत्म कर दी जाएगी और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

बारीकी से किया जायेगा मिलान

बिहार के पंचायती राज विभाग ने तकनीकी सहायकों के प्रमाणपत्रों का कैंप लगाकर युद्ध स्तर पर सख्त जांच के आदेश दिये हैं. विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिले में तकनीकी सहायकों के दस्तावेजों का युद्धस्तर पर वेरिफिकेशन किया जायेगा.

नियुक्ति के समय जमा किये गये रिकॉर्ड का वर्तमान प्रमाणपत्रों से बारीकी से मिलान किया जायेगा, यदि किसी तकनीकी सहायक का प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है, तो उसकी सेवा तत्काल समाप्त कर दी जायेगी. साथ ही संबंधित कर्मी पर एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. जांच के बाद पूरी रिपोर्ट विभाग को अनिवार्य रूप से देनी होगी.

विभाग में मचा हड़कंप, कइयों पर गिरेगी गाज

आदेश जारी होने के बाद से ही जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यरत उन तकनीकी सहायकों में भारी बेचैनी है, जो अपने दस्तावेजों में गड़बड़ी को लेकर आशंकित हैं. सूत्रों का मानना है कि यदि जांच ईमानदारी से की गयी, तो फर्जी दस्तावेज पर कार्यरत तकनीकी सहायकों की बर्खास्तगी होनी तय है.

विभाग ने सात वर्षों से लंबित शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इस बार ढुलमुल रवैया छोड़ कर निर्णायक कार्रवाई करने का फैसला लिया है. यह कदम न केवल तकनीकी सहायकों के बीच पारदर्शिता लायेगी, बल्कि भविष्य की भर्ती प्रक्रियाओं पर भी इसका बड़ा असर पड़ने की संभावना है. विभाग का कहना है कि फर्जी डिग्री वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा.

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Paritosh Shahi
Paritosh Shahi
परितोष शाही डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत राजस्थान पत्रिका से की. अभी प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश और राज्य की राजनीति, सिनेमा और खेल (क्रिकेट) में रुचि रखते हैं.

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