संवाददाता, पटना
पटना विश्वविद्यालय के 109वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को विश्वविद्यालय के जय प्रकाश नारायण अनुषद भवन में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर स्नातक के 35 टॉपर विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आइआइटी पटना के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि तकनीक का सहारा केवल अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए करें. ज्ञान तो केवल गुरु से ही मिल सकता है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि सुबह सवेरे उठ कर पढ़ने की आदत डालें. उन्होंने कहा कि यह प्रयोग केवल एक सप्ताह करके देखें, आपको खुद ही एहसास होगा कि सुबह उठकर पढ़ने से क्या फायदा हुआ. प्रो टीएन सिंह ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. इसकी मुख्य वजह उस दौर में शोध कार्य पर अधिक ध्यान दिया जाना था. विश्वविद्यालय के गौरव को बढ़ाने की जिम्मेदारी विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी पर बराबर है. उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान उसके शोध के स्तर से होती है. उन्होंने छात्रों को अपने समय का सदुपयोग करने के साथ ही खुद का मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित किया. इसके साथ ही विद्यार्थियों को कॉलेज में प्रतिदिन कक्षा में शामिल होने शिक्षक-छात्र संवाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया.
मानव शिक्षण के बिना विकास संभव नहीं- प्रो शिवजतन ठाकुर
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्रो शिवजतन ठाकुर ने कहा कि मानव शिक्षण के बिना विकास का रास्ता तय नहीं कर सकता है. आपकी विद्वता तभी होगी, जब आप बेहतर रिसर्च करेंगे. जब तक हमारे पास शिक्षण रूपी मानव पूंजी नहीं होगी अपने खोये गौरव को प्राप्त करना मुश्किल है. उन्होंने जीवन के संक्षिप्त इतिहास को बताते हुए कहा कि मेरी आठ साल की उम्र में आंख की रोशनी चली गयी थी, फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हारी. कठिनाई से कभी नहीं घबराया और अपने लक्ष्य की ओर ध्यान को हमेशा केंद्रित रखा. उन्होंने कहा कि आज भी प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई करता हूं. जो पढ़ता हूं उसको विद्यार्थियों और लोगों के बीच सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर करता हूं. उन्होंने कहा कि केवल डिग्री प्राप्त करने पर नहीं बल्कि क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने की कोशिश करें. उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि उन्हें भी इस आधुनिक युग में अपडेट रहना होगा.
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
नये प्रशासनिक और एकेडमिक भवन का अगले साल होगा उद्घाटन – कुलपति
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह ने कहा कि परिसर में बन रहे प्रशासनिक एवं एकेडमिक भवन का उद्घाटन दो से चार माह में कर दिया जायेगा. अगले वर्ष से सभी पीजी विभाग एक परिसर में संचालित होंगे. कॉलेज में केवल यूजी स्तरीय पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी. उन्होंने कहा कि छात्र, शिक्षक और कर्मचारियों के सहयोग से ही विश्वविद्यालय का विकास संभव है. उन्होंने कहा कि रिसर्च पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मीडिया लैब का निर्माण किया जा रहा है. यह जल्द बनकर तैयार हो जायेगा. कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन प्रो अनिल कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी कुमलसचिव प्रो अतुल आदित्य पांडेय ने किया. मौके पर उपकुलसचिव प्रो संजय कुमार, मगध महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ नागेंद्र कुमार वर्मा, बीएन कालेज के प्राचार्य डॉ राज किशोर प्रसाद, वाणिज्य महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो सुहेली मेहता, प्रो रजनीश कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक और कर्मचारी मौजूद रहे.
इन विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देकर किया गया सम्मानित
नाम- विषय- कॉलेज
श्वेता कुमारी- हिंदी- मगध महिला कॉलेज
सृष्टि- इंग्लिश- मगध महिला कॉलेज
मृत्युंजय- संस्कृत- पटना कॉलेज
शबाना परवीन- उर्दू- पटना कॉलेज
मो अशहर- अरबी- पटना कॉलेज
अभिलाशा कुमारी- फिलॉस्फी- मगध महिला कॉलेज
निशा सिंह- म्यूजिक- मगध महिला कॉलेज
नुपुर सिन्हा- इतिहास- मगध महिला कॉलेज
अमिशा कुमारी सिंह- सोशियोलॉजी- मगध महिला कॉलेज
साधना- पॉलिटिकल साइंस- मगध महिला कॉलेज
तनुश्री गुप्ता- इकोनॉमिक्स- बीएन कॉलेज
अभिनव आनंद- साइकोलॉजी- बीएन कॉलेज
खुशी कुमारी- जियोग्राफी- पटना कॉलेज
अंकित कुमार झा- एआइएच एंड आर्क- पटना कॉलेज
स्नेहा भारती- होम साइंस- मगध महिला कॉलेज
साक्षी गुप्ता- गणित- मगध महिला कॉलेज
मो इंतजार- स्टैटिस्टिक्स- पटना कॉलेज
गुलअफशां आरा- फिजिक्स- मगध महिला कॉलेज
एशवर्या- केमिस्ट्री- मगध महिला कॉलेज
रासकी जहां- बॉटनी- मगध महिला कॉलेज
आयुषी रावत- जूलॉजी- मगध महिला कॉलेज
शुभम कुमार- जियोलॉजी- पटना साइंस कॉलेज
निखिल शर्मा- गणित (साइंस)- पटना साइंस कॉलेज
श्रुति कुमारी- स्टैटिस्टिक्स- मगध महिला कॉलेज
संस्कृति भदानी- कॉमर्स- वाणिज्य महाविद्यालय
रिशिकेष रंजन- बीएससी बायोकेमिस्ट्री- पटना साइंस कॉलेज
अदिती कुमारी- बीसीए- मगध महिला कॉलेज
प्राक्षी सिंह- बीबीए- मगध महिला कॉलेज
मृत्युंजय कुमार- इंवायरमेंटल साइंस- पटना साइंस कॉलेज
रियु बिसवास- बीएफइ- बीएन कॉलेज
ज्योति रंजन- बीएमसी- पटना कॉलेज
अपराजी बर्मा- बीएसडब्लयू- मगध महिला कॉलेज
विजेता विप्रा- एजुकेशन- वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज
रवि कुमार- लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस- इंस्टिट्यूट ऑफ लाइब्रेरी साइंस इंफॉर्मेशन साइंस
गौरव कुमार- स्कल्पचर- कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट
टॉपरों ने कहा आगे और भी बेहतर करने की बढ़ी जिम्मेदारी
– गोल्ड मेडल पाकर काफी खुशी हो रही है. मैं इसका श्रेय अपने अभिभावक और शिक्षकों को देना चाहती हूं. मेरी रुचि साहित्य में है, तो मैं आगे इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हूं.
– श्वेता कुमारी, हिंदी
– मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहती हूं. गोल्ड मेडल पाकर आगे और भी बेहतर करने की जिम्मेदारी बढ़ गयी है. मैं सिविल सर्विस के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हूं.
– अमिशा कुमारी सिंह, सोशियोलॉजी
– मेरी इस सफलता में मेरे शिक्षकों ने काफी सहयोग किया है. शिक्षकों के मार्ग दर्शन का पालन कर के ही यह मुकाम हासिल हुआ है. मेरा सपना है कि विद्यार्थियों को पढ़ाऊं और उन्हें भी अपने सपने को पूरा करने में सहायक बनूं.
– नुपुर सिन्हा, इतिहास
– मैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी बड़ी बहन को देना चाहता हूं. मां के देहांत के बाद इन्होंने ही मुझे आगे की पढ़ाई करने में मदद की. आगे मैं रिसर्च के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहता हूं.
– मो इंतजार, स्टैटिस्टिक्स
– टीचर्स के गाइडेंस से ही आज मुझे गोल्ड मेडल मिला है. गोल्ड मेडल मिलने के बाद आत्मविश्वास भी बढ़ा है. इसके साथ ही आगे और भी बेहतर करने की जिम्मेदारी बढ़ गयी है.
– आयुषी रावत, जूलॉजी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है