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ऑफलाइन स्वघोषणा इसी सप्ताह होगी ऑनलाइन

जमीन सर्वे के लिए सभी नौ प्रमंडलों के अलग-अलग सर्वर ने काम करना शुरू कर दिया है. 9वां और अंतिम सारण प्रमंडल का सर्वर भी गुरुवार से काम करने लगा.

संवाददाता, पटना जमीन सर्वे के लिए सभी नौ प्रमंडलों के अलग-अलग सर्वर ने काम करना शुरू कर दिया है. 9वां और अंतिम सारण प्रमंडल का सर्वर भी गुरुवार से काम करने लगा. इसके साथ ही दस्तावेजों की स्टोरेज की समस्या का अंत हो गया है. रैयतों को अब सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर अपनी स्वघोषणा और वंशावली को अपलोड करने में कोई परेशानी नहीं होगी. स्वघोषणा प्राप्त करने के लिए सभी अमीनों को अपने-अपने गांव में घर-घर जाकर अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही कई जिलों सर्वर में तकनीकी समस्या की शिकायत मिलने के बाद उसे जल्द दूर करने का तकनीशियनों को निर्देश दिया गया. सर्वे निदेशालय की तकनीकी शाखा ने बताया कि निदेशालय की वेबसाइट के पेज पर यूजर्स को जिले के रूप में नया विकल्प मिलेगा. जिले का चयन करने पर उनका आवेदन उनके जिले से संबंधित प्रमंडल के लिए आरक्षित डाटा स्टोर में चला जायेगा. सभी प्रमंडलों का आंतरिक लिंक अलग-अलग कर दिया गया है. यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि डिजिटाइज्ड और स्कैंड डाटा को सेव करने में कोई परेशानी नहीं हो. जमीन सर्वे : सभी प्रमंडलों के अलग सर्वर से काम शुरू इसके साथ ही भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने गुरुवार को शास्त्रीनगर स्थित सर्वे भवन में जूम के जरिए सभी 38 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों से बात की. इस दौरान उन्होंने सभी प्रमंडलों का सर्वर अलग किए जाने के बाद अन्य कोई तकनीकी समस्या होने की जानकारी मांगी. भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने निदेशालय के प्रोग्रामर कुणाल कुमार और प्रिंस कुमार को 24 घंटे के अंदर सभी तकनीकी बाधाओं को दूर करने का आदेश दिया. निदेशक ने यह भी कहा कि ऑफलाइन मोड में प्राप्त सभी स्वघोषणा को इसी सप्ताह ऑनलाइन कर दिया जाए. उन्होंने बंदोबस्त पदाधिकारियों से कहा कि स्वघोषणा प्राप्त करने के लिए सभी अमीन को अपने-अपने गांव में घर-घर जाकर अभियान चलाने का अपने स्तर से निर्देश दें. निदेशक ने सर्वे कर्मियों के त्यागपत्र और अनापत्ति के मुद्दे से निदेशालय को शीघ्र अवगत कराने का आदेश दिया. इसमें बड़ी संख्या उन कर्मियों की भी है जिन्होंने सर्वे में ही प्रोन्नति के बाद दूसरे जिले में योगदान दिया है. उन्हें निदेशालय से अनापत्ति की आवश्यकता है. सभी जिलों को मिलाकर ऐसे कर्मियों की संख्या करीब 900 है जिन्होंने जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन के बाद सर्वे कर्मी के पद से त्यागपत्र दे दिया है.

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