संवाददाता, पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में जल्द ही रोबोट की मदद से बायोप्सी की जायेगी. संस्थान में सर्जरी, न्यूरो, फिजियोथेरेपी, हड्डी सहित अन्य विभागों के बाद अब कैंसर बायोप्सी में भी इस तकनीक की मदद ली जायेगी. संस्थान के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीइटी गाइडेड रोबोटिक बायोप्सी की सुविधा जल्द ही शुरू होगी. जानकारों के अनुसार इससे प्रोस्टेट समेत दूसरे अंगों से संदिग्ध कैंसर कोशिकाओं का नमूना लेकर जांच की जा सकेगी. बताया जा रहा है कि आइजीआइएमएस में दो से तीन माह में पीइटी गाइडेड रोबोटिक बायोप्सी की सुविधा शुरू होगी.
कैंसरग्रस्त गांठ या संदिग्ध के हिस्से की सही जानकारी मिलेगी
संस्थान प्रशासन के अनुसार कैंसर जांच के लिए अत्याधुनिक तकनीक पीइटी सीटी गाइडेड रोबोटिक बायोप्सी शुरू की जायेगी. यह तकनीक की मदद से शरीर में मौजूद कैंसरग्रस्त गांठ या संदिग्ध हिस्से से बेहद सटीक तरीके से कोशिकाओं का नमूना लिया जा सकेगा. इस तकनीक से प्रोस्टेट, फेफड़े, न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर और थायरॉयड में पनपे ट्यूमर का नमूना आसानी से लिया जा सकेगा.
अनियंत्रित कोशिकाओं का ही नमूना लिया जायेगा
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि पारंपरिक बायोप्सी में सीटी व अल्ट्रासाउंड की मदद से सुई के जरिये कोशिकाओं का नमूना लिया जाता है. लेकिन, कई बार गहराई में स्थित ट्यूमर छूट जाते हैं. पीइटी सीटी गाइडेड रोबोटिक बायोप्सी में आणविक इमेजिंग व रोबोटिक तकनीक से मेल होता है. इससे उच्च रक्तचाप गतिविधि वाले घावों का पता लगा कर रोबोटिक आर्म बेहद सटीक तरीके से वहां सुई पहुंचाता है. इसमें संदिग्ध कोशिकाओं के छूटने की आशंका कम हो जाती है.
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