संवाददाता, पटना विकास आयुक्त एस सिद्धार्थ ने कहा कि रेबीज गंभीर बीमारी है तथा इससे बचकर रहना चाहिए. इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग एवं नगर निकायों को सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. तीनों विभागों के समन्वय से ही इस रोग से बचाव संभव है. श्वान पालकों को भी व्यक्तिगत पहल कर इससे संबंधित निबंधन कराना श्रेयस्कर होगा. समय–समय पर टीकाकरण कराना भी चाहिए. वे रविवार को पटना के बामेती सभागार में राज्यस्तरीय रेबीज रोधी टीकाकरण व जन जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ एन विजयालक्ष्मी ने कहा कि रेबीज घातक संक्रामक रोग है, जो पशुओं से मनुष्यों में फैलता है. ‘अभी कदम उठाएं : आप, मैं और समुदाय’ यह संदेश देता है कि केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों से ही हम रेबीज जैसी बीमारी को समाप्त कर सकते हैं. विकसित देशों में इस संक्रामक रोग की संख्या नगण्य है. भारत में जनसंख्या घनत्व अधिक होने और स्ट्रीट डॉग अधिक होने के कारण डॉग बाइट की समस्या गंभीर है. इस बीमारी के प्रति अक्सर लोग लापरवाह रहते हैं. इसका संक्रमण काल एक सप्ताह से लेकर एक साल तक रहता है. पशुपालन निदेशक उज्ज्वल कुमार सिंह ने कहा कि 2030 तक रेबीज से होने वाली मौत को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. कार्यक्रम को निदेशक पशुपालन डॉ ज्ञानवेंद्र कुमार वर्मा, डॉ श्वेता राय, डॉ शशिकांत अजय, डॉ मनोज कुमार, डॉ लवली कुमारी ने भी संबोधित किया.
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