संवाददाता, पटना बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने पटना में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर कर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बोर्ड से संबद्ध प्रस्वीकृत विद्यालयों की जर्जर स्थिति और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर चिंता जताते हुए शीघ्र राशि आवंटन की मांग की गयी. साथ ही प्रदेश के अंदर निर्माण होने वाले 47 संस्कृत मॉडल विद्यालयों के लिए भी राशि उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया गया. बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि राज्य के संस्कृत विद्यालयों में आधुनिक शैक्षिक संसाधनों की भारी कमी है. कई विद्यालयों के भवन जर्जर हैं, खेलकूद और प्रयोगशाला जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, पुस्तकालय व स्मार्ट क्लासरूम का अभाव है व शौचालय और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं भी दयनीय स्थिति में हैं. इससे छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी सर्वांगीण प्रगति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. राज्य सरकार को भी पत्र लिखकर इस संदर्भ में वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए आर्थिक सहयोग की मांग की है. बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए सकारात्मक रुख दिखाया. उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा भारत की आत्मा से जुड़ी हुई है और इस दिशा में केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग देने के लिए तत्पर है. मंत्री ने आश्वासन दिया कि मंत्रालय स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी और शीघ्र ही उपयुक्त कदम उठाये जायेंगे. ज्ञापन सौंपने के दौरान बोर्ड अध्यक्ष ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पाग-चादर से सम्मानित किया.
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