मसौढ़ी. फल्गु नदी से अचानक छोड़े गये पानी ने गुरुवार को धनरूआ प्रखंड में तबाही ला दिया. पानी के तेज प्रवाह से कररुआ नदी उफान पर आ गयी और कई जगहों पर पुराने बांध टूट गये. वीर, बहरामपुर, कुशवन दौलता, अरमल, सिराधीपर, चकरमल टोला, नोनिया बीघा जैसे दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया. बुधवार शाम से ही कररुआ नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा था, सुबह होते-होते स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी. नदी किनारे बने मिट्टी के बांध टूट गये और लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला और दर्जनों घरों में पानी भर गया. धनरूआ की सीओ श्वेता कुमारी ने स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि फल्गु नदी से छोड़े गये पानी की वजह से यह आपदा आयी है. बांध टूटने के कारण 10 से 12 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें वीर और बहरामपुर पंचायत सर्वाधिक प्रभावित हैं. अरमल और चकरमल टोला और छाती पंचायत स्थित नोनिया बीघा में घरों तक पानी घुस गया है. सीओ ने बताया कि अरमल के निकट पटना, नालंदा और जहानाबाद की सीमाएं मिलती हैं. इस इलाके में जहानाबाद की ओर कुछ लोगों द्वारा बांध काटे जाने की शिकायत भी सामने आयी है, जिसकी जांच की जा रही है. इधर शाम होते होते धनरूआ के भेड़गावां के पास दरधा नदी का तटबंध के ऊपर पानी बहने लगा जिससे भेड़गांवा के निचले हिस्से में पानी फैल गया और खेतों में लगी फसल डूब गयी. ग्रामीणों ने बताया कि कई जगहों पर खेत तालाब में तब्दील हो चुके हैं. वहीं धमौल गांव का आसपास के गांवों से संपर्क टूट गया है. सड़कों पर पानी भर गया है. ग्रामीणों ने नाव की मांग की है. सीओ ने बताया कि फतुहा से नाव मंगायी जा रही है
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