संवाददाता, पटना बालू और पत्थर लदे खनिज वाहनों की पहचान अब आसान होगी. इन खनिजों की अवैध ढुलाई की पहचान कर अब आम लोग भी जिला कंट्रोल रूम में शिकायत कर सकेंगे. इससे बालू व पत्थर सहित खनिजों के अवैध खनन और ढुलाई पर लगाम लग सकेगा. इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार एक जुलाई 2024 से बालू और पत्थर सहित खनिज लदे वाहनों पर विशिष्ट पहचान की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गयी है. विभाग ने यह व्यवस्था अवैध खनन और परिवहन की रोकथाम के संबंध में पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा राज्य सरकारों को दिये गये कई निर्देशों के आलोक में की है. हालांकि, राज्य सरकार ने अवैध बालू परिवहन पर रोक लगाने के लिए बालू की ढुलाई में लगे वाहनों में जीपीएस लगाने की अनिवार्यता पहले से ही की गयी है. नई व्यवस्था के अनुसार अब विभाग द्वारा बालू के ढुलाई के लिए ””””खनन सॉफ्ट में निबंधित जीपीएस लगे वाहनों पर चारों तरफ से लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवाना होगा. पट्टी पर चारों तरफ छह इंच के आकार में खनन वाहन निबंधन संख्या (खनन सॉफ्ट में निबंधन संख्या) और वाहन संख्या अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा. बालू बंदोबस्तधारी भी विशिष्ट पहचान अंकित किये गये और जीपीएस लगे वाहनों को ही परिवहन चालान निर्गत करेंगे. बालू व पत्थर सहित खनिज लदे वाहनों के लाल रंग से रंगे होने के कारण प्रशासन द्वारा इसकी आसानी से जांच की जा सकेगी. आम लोग भी ऐसे वाहनों पर निगाह रख सकेंगे. साथ ही वाहन संख्या डालकर खनन सॉफ्ट पोर्टल पर यह जान सकेंगे कि उक्त वाहन के लिए बालू का चालान कब तक वैध है. विशिष्ट पहचान के बिना यदि बालू का परिवहन करते वाहन पाया जाएगा तो यह स्पष्टतः अवैध बालू की ढुलाई का मामला होगा. सूचना के बाद इस पर कार्रवाई हो सकेगी.
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