Lalu Yadav: लैंड फॉर जॉब मामले में आज यानी मंगलवार को कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है. बीते 21 फरवरी को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में जांच एजेंसी सीबीआई, लालू यादव सहित 78 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है. इसमें 30 लोक सेवक आरोपी हैं. बता दें, सीबीआई ने बताया था, “हमने कोर्ट से रेलवे बोर्ड के अधिकारी आर के महाजन के खिलाफ केस की अनुमति ले ली है. उनके खिलाफ गवाहों की लिस्ट भी तैयार है. आगे कोर्ट इस मामले में फैसला लेगा.” वहीं बीते 16 जनवरी को कोर्ट ने कहा था कि यदि 30 जनवरी तक महाजन के खिलाफ स्वीकृति नहीं मिलती है तो सक्षम अधिकारी को इसका स्पष्टीकरण देना होगा.
लालू यादव से की गई थी पूछताछ
20 जनवरी 2024 को ईडी की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव से करीब 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. ईडी सूत्रों के अनुसार, लालू यादव से उस समय करीब 50 से अधिक सवाल किए गए थे. उन्होंने अधिकारियों के अधिकतर सवालों के जवाब हां या ना में ही दिए थे. पूछताछ के दौरान कई बार लालू यादव झल्ला भी गए थे. वहीं, तेजस्वी यादव से 30 जनवरी 2024 को लगभग 10-11 घंटे की पूछताछ हुई थी.
क्या है लैंड फॉर जॉब मामला?
“लैंड फॉर जॉब” घोटाला बिहार से जुड़ा एक बड़ा भ्रष्टाचार मामला है, जिसमें आरोप है कि रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीन ली गई. यह घोटाला उस समय का बताया जाता है जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे (2004-2009). इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों, खासतौर पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर भी आरोप लगे हैं. आरोप है कि रेलवे में ग्रुप D और अन्य पदों पर भर्ती के बदले गरीब लोगों से उनकी जमीनें बहुत कम दामों पर ली गईं या गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर करवाई गईं. ये जमीनें लालू यादव और उनके परिवार से जुड़े लोगों के नाम पर ली गईं.
सीबीआई और ईडी जांच
सीबीआई (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले की जांच शुरू की. लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और उनके करीबी लोगों पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया गया. सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी भी की और सबूत जुटाए.
इस घोटाले में क्या आरोप हैं?
1. रेलवे में नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों से उनकी जमीनें ली गईं.
2. ये ज़मीनें बेहद कम कीमत पर परिवार के नाम ट्रांसफर की गईं.
3. बिना नियमों का पालन किए नौकरियां दी गईं.
4. कई संपत्तियां कथित रूप से बेनामी संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं.
लालू परिवार का बचाव
लालू यादव और उनके परिवार का कहना है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उठाया गया है और उनके खिलाफ साजिश की जा रही है.
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