पटना सिटी. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार को स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार करते हुए अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया. आंदोलन पर उतरे मेडिकल स्टूडेंट मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्रीय पंजीयन काउंटर पहुंचे. जहां पर काउंटर को बंद करा दिया. जूनियर के इस कार्रवाई के बाद मची अफरा-तफरी के बीच कतार में लगे मरीज व तीमारदार भी हल्ला मचाने लगे. शोरगुल बढ़ता देख सूचना मिलते ही मौके पर अस्पताल की अधीक्षक डॉ प्रो रश्मि प्रसाद पहुंचीं. आंदोलनकारियों को समझा बुझा कर शांत कराया और फिर से पंजीयन काउंटर चालू कराया. इसी बीच आंदोलनकारी अस्पताल में चल रहे ओपीडी में पहुंचे, वहां भी विरोध प्रदर्शन कर ओपीडी सेवा बाधित करा दिया. लेकिन यहां भी वरीय चिकित्सकों और विभागाध्यक्षों ने समझा बुझा कर शांत कराया और ओपीडी में मरीजों का उपचार किया. निश्चचेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रो विजय कुमार ने बताया कि जूनियर के विरोध प्रदर्शन के बाद भी रोगियों का ऑपरेशन किया गया. किसी विभाग में ऑपरेशन बाधित नहीं हुआ है. आंदोलन पर उतरे छात्र डॉ सत्यम कुमार ने बताया कि जब तक मांगे मानी नहीं जाती विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. इंटर्नशिप कर रहे डाक्टरों ने बताया कि मिलने वाली स्टाइपेंड की राशि बीस हजार से बढ़ाकर चालीस हजार रुपये किया जाये. इन लोगों का कहना था कि हर तीन वर्ष पर स्टाइपेंड रिवाइज्ड होना चाहिए. वर्तमान में चार साल हो गए पर अब तक रिवाइज्ड नहीं किया गया. जबकि दूसरे राज्यों में स्टाइपेंड यहां से अधिक मिलता है. आंदोलनकारियों ने सरकार से मांग किया है कि अन्य राज्यों के अनुसार बिहार में भी जूनियर डॉक्टर के स्टाइपेंड की व्यवस्था की जाये. विरोध प्रदर्शन में इंटर्नशिप के सभी डॉक्टर शामिल रहे.
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