संवाददाता, पटना
मनरेगा और जीविका दीदी हाट कन्वर्जेंस को लेकर मंगलवार को मनरेगा कार्यालय में बैठक हुई. इसमें तय हुआ कि मनरेगा के तहत निर्मित हाट स्थलों की पहचान कर उन्हें शेड, जल एवं स्वच्छता , स्टॉल्स, बैठने की व्यवस्था आदि से सुसज्जित किया जायेगा. इसके अतिरिक्त जीविका की महिलाएं इन हाटों का संचालन करेंगी. इसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण, कौशल विकास, उद्यम प्रबंधन और ब्रांडिंग से संबंधित सहयोग दिया जायेगा. संभावित स्थलों की प्राथमिक सूची तैयार करने, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिलों में कार्य आरंभ करने और व्यापक कार्य योजना निर्माण के लिए समन्वय समिति गठित करने का निर्णय लिया गया. बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि दीदी हाट कन्वर्जेंस के तहत न केवल हाटों का स्वरूप बदलेगा, बल्कि यह सतत जीविकोपार्जन मॉडल के रूप में भी कार्य करेगा. महिलाओं को अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का अवसर प्रदान करेगा. इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा. ग्रामीण उपभोक्ताओं को ताजे, जैविक और स्थानीय उत्पाद खरीदने का एक सुरक्षित और सुलभ प्लेटफार्म उपलब्ध होगा. इंफ्यूजन की विशेषज्ञ टीम तकनीकी मार्गदर्शक के रूप में सहयोग करेगी. मनरेगा आयुक्त अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि इस पहल के माध्यम से हम दो प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों मनरेगा और जीविका के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित कर रहे हैं. इससे न केवल हाटों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में भी यह एक मील का पत्थर साबित होगा.
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