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जदयू के अल्पसंख्यक नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रखी अपनी बात

जदयू से जुड़े अल्पसंख्यक नेताओं ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के मसले पर आज तक ना तो कोई समझौता किया है और न ही आगे कभी करेंगे.

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नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के मसले पर आज तक ना तो कोई समझौता किया है, ना करेंगे : जदयू

जदयू के अल्पसंख्यक नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रखी अपनी बात

कहा, राजद ने कोई सुझाव तक नहीं दिया

:: जदयू के सभी सुझावों को विधेयक में दी गयी जगह

संवाददाता,पटना

जदयू से जुड़े अल्पसंख्यक नेताओं ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के मसले पर आज तक ना तो कोई समझौता किया है और न ही आगे कभी करेंगे. जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल मुसलिम नेताओं ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल जदयू के महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल करने के बाद पारित हुआ. जदयू ने सुझाव दिये थे कि जमीन राज्य का मामला है, इसलिए नये कानून में भी यह प्राथमिकता बरकरार रहे. नया कानून पूर्वप्रभावी नहीं हो. अगर वक्फ की कोई संपत्ति रजिस्टर्ड नहीं है, लेकिन उस पर कोई मस्जिद, दरगाह आदि बनी हो, तो उससे कोई छेड़छाड़ न की जाये और उसका स्टेटस बरकरार रखा जाये. वक्फ संपत्ति से जुड़े विवादों के निराकरण के लिए डीएम से ऊपर के अधिकारी को अधिकृत किया जाये. वक्फ बोर्ड की संपत्ति के डिजिटलाइजेशन के लिए छह महीने की समय-सीमा बढ़ायी जाये. नेताओं ने कहा कि इन संशोधनों के बाद शंका की कोई बात रह ही नहीं जाती.

जदयू के अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा कि हैरानी की बात है कि राजद ने वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी को कोई सुझाव नहीं दिया. नेताओं ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल आने से बहुत पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वक्फ की चिंता कर बिहार में वक्फ विकास बोर्ड की स्थापना की. इसके तहत 110 करोड़ का वित्तीय आवंटन किया गया, जिससे अल्पसंख्यक छात्रावास, विवाह भवन, मल्टी पर्पस बिल्डिंग आदि का निर्माण संभव हुआ.नेताओं ने कहा कि वक्फ की संपत्ति के विकास का नजीर पटना के अशोक राजपथ स्थित अंजुमन इस्लामिया हाॅल है.

अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा कि कब्रिस्तान की घेराबंदी, हुनर और औजार योजना, परित्यक्ता नारी के लिए पेंशन, तालीमी मरकज, मदरसों को मान्यता, मदरसा में कार्यरत शिक्षकों की सेवा -शर्तों में सुधार, अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क कोचिंग जैसी योजनाओं ने मुसलमानों का नीतीश कुमार पर भरोसा बढ़ाया.उनके शासनकाल में अल्पसंख्यक कल्याण का बजट 282 गुना बढ़ा.

जदयू के मुसलिम नेताओं ने कहा कि तथाकथित सेक्यूलर लालू प्रसाद ने भागलपुर के दंगाइयों को बचाने का राजनीतिक कुकृत्य किया.उनके कार्यकाल में 12 सांप्रदायिक दंगे हुए. राजद को बताना चाहिए कि इन दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गयी या नहीं.वहीं, नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने के मामले में कितने संजीदा हैं, इसका एक बड़ा उदाहरण कांग्रेस के राज में भागलपुर में 1989 में हुए दंगे के गुनहगारों को नीतीश कुमार ने सजा दिलाने और पीड़ितों को न्याय और पेंशन देने का काम किया.

यह भ्सी कहा कि आजाद हिन्दुस्तान में केवल एक राजनेता नीतीश कुमार हैं, जो अल्पसंख्यक भाई-बहनों और उनके परिवार को, कांग्रेस और लालू-राबड़ी शासनकाल में हुए दंगों के कारण नवंबर 2005 तक विस्थापित रहे, उनको उनके जमीन और घर पर कब्जा दिलवाया.

यह रहे मौजूद

संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान, एमएलसी प्रो गुलाम गौस,एमएलसी खालिद अनवर, पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम, कहकशां परवीन, पूर्व एमएलसी सलीम परवेज, सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मो इरशादुल्लाह, शिया बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद अफजल अब्बास, प्रदेश प्रवक्ता अंजुुम आरा, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रभारी मेजर इकबाल हैदर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अंसारी, प्रदेश महासचिव आसमां परवीन, मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कय्यूम अंसारी, वरीय नेता इमामउद्दीन राईन, मीडिया पैनलिस्ट अकबर अली आदि उपस्थित रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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