संवाददाता,पटना बिहार में गुजर-बसर करना देश के कई राज्यों की तुलना में आसान है.राज्य में रोजमर्रा की वस्तुएं और सेवाएं राष्ट्रीय औसत की तुलना सस्ती हैं. यह खुलासा केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा अप्रैल महीने के लिए जारी किये गये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से हुआ है.यह सूचकांक देश के परिवारों में दैनिक उपयोग की सामग्री की औसत कीमतों के घटने-बढ़ने का ब्योरा देता है. बिहार के गांव और शहर दोनों को मिलाकर बिहार का संयुक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 188.2 है. इसे इस तरह से समझा जा सकता है. जिन सामान और सेवाओं के लिए 2012 में हमें 100 रुपये खर्च करने पड़ते थे, उनके लिए अभी 188.2 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के राष्ट्रीय औसत 192.6 से भी कम है.26 अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों के आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तय किया जाता है.इनमें अनाज, मांस-मछली-अंडा, दुग्ध उत्पाद, तेल, फल-सब्जी, दाल, चीनी, मसाला, नॉन अल्कोहलिक पेय, फूड एंड वीवरेज, पान-तंबाकू, कपड़ा, फुटवियर, हाऊसिंग, ईंधन, लाइटिंग, घरेलू वस्तु एवं सेवाएं, स्वास्थ्य, परिवहन एवं संचार, मनोरंजन, शिक्षा, पर्सनल केयर तथा कुछ और वस्तु और सेवाओं का समूह है.
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