पटना: शव लेने के लिए परिजनों को तीन दिनों तक इंतजार करने की बात कह कर लौटा देने का मामला सामने आया है. मामला पटना जंक्शन जीआरपी का है. चंदन मंडल बांका से अपने साला विकास कुमार मांझी का शव लेने पटना जंक्शन जीआरपी पहुंचे. वहां से आइओ का नाम और नंबर दिया गया. जब परिजन ने फोन लगाया और कहा कि सर…यारपुर ट्रैक से जिस युवक का शव बरामद हुआ था, उसके परिजन बोल रहे हैं. मुझे शव लेना है. इस पर आइओ ने कहा कि अभी हम छुट्टी पर हैं, तीन दिन बाद आयेंगे. मेरे आने के बाद ही आपको शव मिलेगा. मेरे बगैर पीएमसीएच से आपको शव नहीं मिलेगा. परिजनों ने जीआरपी पुलिस से शव देने के लिए आग्रह भी किया, लेकिन रेल पुलिस ने कहा कि यह आइओ का मामला है, वही समझेंगे. पटना में शव मिलने की सूचना पर जब सोमवार को परिजन बांका से पटना जंक्शन पहुंचे, तो फोटो दिखाया, तो पहचान हुई. इसके बाद पता चला कि शव पीएमसीएच में हैं और यह तभी मिलेगा, जब आइओ अभिषेक सिंह होंगे.
तीन सितंबर को यारपुर ट्रैक पर मिला था शव
बहनोई चंदन मंडल ने बताया कि 26 वर्षीय विकास मंदिरी में रह कर सोन भवन के पास एक मिठाई दुकान में काम करता था. उसे कुछ दिनों पहले दुकान से हटा दिया गया था. वह किराये के मकान में अकेले रहता था. रविवार को अचानक उसके एक साथी ने फोन कर कहा कि उसे दुकान से 15 दिन पहले ही निकाल दिया गया है. उसके साथ कुछ घटना भी हुई है, पता चला कि ट्रैक से तीन सितंबर को उसका शव मिला है. परिजनों ने शव की शिनाख्त करते हुए उसे देने को कहा, तो उन्हें आइओ का नाम और नंबर दे दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

