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आपदा से पहले किया गया निवेश भविष्य को सुरक्षित रखता है

मुख्य अतिथि डॉ उदयकांत मिश्रा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आपदा प्रबंधन की विविध गतिविधियों और नयी पीढ़ी के रुझान पर प्रकाश डाला.

-डीएमआइ में संगोष्ठी का हुआ आयोजन

संवाददाता, पटना

विकास प्रबंधन संस्थान (डीएमआइ) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन डिजास्टर मैनेजमेंट ने इंटरनेशनल डे फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन पर ज्ञान भवन में फंड रेजिलिएंस, नॉट डिजास्टर (आपदा से पूर्व निवेश) पर संगोष्ठी का आयोजन किया. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (बीएसडीएमए) के उपाध्यक्ष डॉ उदयकांत मिश्रा, डीएमआइ के निदेशक प्रो देबीप्रसाद मिश्रा और आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव मो नदीमुल गफ्फार सिद्दीकी ने दीप जलाकर संगोष्ठी का शुभारंभ किया. मुख्य अतिथि डॉ उदयकांत मिश्रा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आपदा प्रबंधन की विविध गतिविधियों और नयी पीढ़ी के रुझान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आपदा का दायरा बढ़ता जा रहा है. कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को जोखिम पूर्ण भविष्य सौंपने के पक्ष में नहीं होते हैं, ऐसे में हमलोग अगली पीढ़ी को आपदा से भरा माहौल नहीं दे सकते हैं. उन्होंने जेन-जी और जेन-बीटा पीढ़ी की जरूरतों और उनके स्वभाव से भी रूबरू कराया. प्रो देबीप्रसाद मिश्रा ने कहा कि बिहार की 76 प्रतिशत आबादी बार-बार बाढ़ की चपेट में आती है. यह राज्य आकाशीय बिजली, भूकंप आदि आपदा से काफी प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव मो नदीमुल गफ्फार सिद्दीकी ने आपदा से पूर्व निवेश के लाभ गिनाये. उन्होंने कहा कि यह निवेश सुरक्षा के साथ-साथ उज्ज्वल भविष्य और विकास का पथ प्रदर्शक है. आपदा घटित होने पर बड़े स्तर पर जानमाल का नुकसान होता है. यदि सामुचित निवेश किया जाये, तो नुकसान को काफी न्यूनतम किया जा सकता है. तकनीकी सत्र में विशिष्ठ अतिथि बीएसडीएमए के सदस्य पीएन राय ने राज्य में निर्माण कार्य में आपदा को ध्यान में रखकर किये गये निवेश की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य का बड़ा हिस्सा भूकंप के रेड जोन में है. यहां भूकंपरोधी निर्माण होने से लागत जरूर बढ़ी है, लेकिन इसने व्यक्ति की जान और आपदा के दौरान नुकसान को काफी कम कर दिया है. तकनीकी सत्रों में फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एफएसआइआइ) के कार्यकारी निदेशक राघवन एस कुमार, इंवायरमेंट एंड डिजास्टर मैनेजमेंट रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुडकेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एमेरिटस डॉ पीजी घर चक्रवर्ती, रजत वर्द्धन आदि ने विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम का संचालन डीएमआइ की प्रो अमृता धीमान ने किया. मौके पर सीआइएमपी के निदेशक प्रो राणा सिंह, बीएसडीएमए के सदस्य कौशल किशोर मिश्रा, नरेंद्र कुमार सिंह, प्रकाश कुमार, शंभू नाथ आदि मौजूद थे.

हंसी-हंसी में बता दिया आपदा से बचने के उपाय

नाट्य संस्था वाइटल इन्वेंशन सोशल हार्मोनी विथ आर्ट के सदस्यों ने “नवोत्थान” का मंचन राजेश नाथ राम के निर्देशन और मो जॉनी के संगीत पर किया. गांव की घटना पर आधारित नाटक में बताया गया कि जहां वज्रपात आता है और वहां के लोग इसे दैवी प्रकोप मानकर पूजा पाठ और बलि जैसे अंधविश्वास में लग जाते है. नाटक कोसी व सीमाचंल में बाढ़ विभीषिका और आपदा प्रभावित लोगों की मानवीय, सामाजिक व राजनीतिक स्थिति पर केंद्रित है.

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