संवाददाता, पटना
मासिक धर्म स्वच्छता प्रत्येक महिला का मौलिक एवं मानवाधिकार है. महिलाओं की गरिमा का एक अनिवार्य पहलू है. माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता की अभाव में महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक अवसर, गरिमा, समानता आदि अधिकारों का हनन होता है. इससे उनके परिवार, समाज और पूरे प्रदेश का विकास भी अवरुद्ध होता है. ये बातें शहर के दरियापुर स्थित पटना कॉलेजिएट हाइस्कूल में आयोजित विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राजकीय शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित चिकित्सक डॉ जय नारायण दुबे ने कहीं. वहीं नोडल शिक्षिका डॉ राखी कुमारी ने कहा कि माहवारी के समय पूर्ण स्वच्छता के लिये सुरक्षित सूती कपड़ा, सूती कपड़े का पैड, डिस्पोजेबल सैनिटरी नैपकिन, मेंस्ट्रूअल कप और अंडरवियर का सुरक्षित उपयोग आवश्यक है. शिक्षिका तरन्नुम जहां ने महावारी के दौरान होने वाली समस्याओं और उनके प्रबंधन के बारे में छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि महावारी में सिर दर्द, पीठ दर्द, पेट में मरोड़ और चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं आ सकती हैं. इसके लिए गर्म पानी की बोतल से सेंक करना, हल्की मालिश करना, गुनगुने पानी से स्नान करना, गरम पेय पदार्थ पीना, हल्की कसरत करना, पौष्टिक आहार लेना, दर्द अधिक होने पर चिकित्सक की सहायता लेना आवश्यक है. कार्यक्रम में सुहानी कुमारी, सोनी कुमारी, काजल कुमारी, सानवी सिन्हा सहित सैकड़ों छात्राओं ने भाग लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है