36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Indian Railways: पैसेंजर छोड़ सभी ट्रेनें चालू, फिर भी रेलवे वसूल रहा कोविड स्पेशल किराया

Indian Railways Latest News: नियमित ट्रेनों को स्पेशल और त्योहार स्पेशल ट्रेनों में बदलकर एक ही रूट पर समान समय और दूरी तय करने के बावजूद भी ट्रेनों में अलग-अलग तरह का किराया वसूल रहा है.

कोरोना काल के बाद रेल अभी भी यात्रियों के जेब ढ़ीली कर रहा है. रेलवे ने ट्रेनों को स्पेशल का नाम देकर सुविधा नहीं बढ़ाई, सिर्फ ट्रेनों के नंबर के आगे जीरो लगाकर इसे स्पेशल का नाम दिया है. सभी स्पेशल ट्रेनों में किराया अभी तक बढ़ा हुआ है. जबकि रेल परिचालन अब सामान्य है. मुजफ्फरपुर से गुजरने व खुलने वाली लगभग ट्रेनें चल रही है. दो ट्रेनों को छोड़ सी ट्रेनें चल रही है. कुछ ट्रेनों में स्लीपर का किराया सामान्य है. लेकिन अन्य श्रेणियों में अधिक किराया वसूला जा रहा है.

मुजफ्फरपुर से खुलने व गुजरने वाली करीब 40 ट्रेनों का परिचालन पूरे दिन में हो रहा है. यात्रियों की संख्या 10 हजार से अधिक है. स्थिति यह है कि नियमित ट्रेनों को स्पेशल और त्योहार स्पेशल ट्रेनों में बदलकर एक ही रूट पर समान समय और दूरी तय करने के बावजूद भी ट्रेनों में अलग-अलग तरह का किराया वसूल रहा है.

मुजफ्फरपुर से आनंद विहार जाने वाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस में स्लीपर श्रेणी में पूर्व में 510 रुपया लिया जाता था अब स्पेशल ट्रेन में किराया 535 कर दिया गया. एसी थ्री में 1355 के जगह 1400 व थर्ड एसी में 1945 के 1990 लिया जा रहा. वहीं मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद जाने वाली स्पेशल में स्लीपर का चार्ज 700 था वहां 785, एसी थर्ड का 1880 के 2055 व एसी टू का 2765 के जगह 2995 वसूला जा रहा है. पवन एक्सप्रेस को मुंबई जाने में जहां 381 रुपया लगता था. अब स्पेशल ट्रेन में करीब 430 लग रहा है. ऐसे में यात्री चिंतित है.

Also Read: बिहार आने वाली इन ट्रेनों में दिवाली-छठ तक सीट नहीं, जल्द शुरू हो सकती है Festival Special Train का परिचालन

कम आवाजाही हो इसके लिए रिजर्व है ट्रेन– रेलवे ने कोरोना काल में कम से कम लोगों की आवाजाही हो, इसके लिए सीमित संख्या में ट्रेन शुरू की. इनमें भी अमूमन ट्रेनें वो है, जो पहले से संचालित हो रही थी. उन्हें पहले कोविड फिर पूजा और अब त्योहार स्पेशल या स्पेशल में तब्दील कर चला रहा है. हालांकि कुछ सामान्य ट्रेनें भी शुरू हुई है, लेकिन वो नाम मात्र है. ऐसे में यात्रियों को मजबूरन इन स्पेशल और त्योहार स्पेशल ट्रेनों में सफर करना पड़ रहा है.

रेलवे में आम लोगों की तकलीफ, कोई सुनने वाला नहीं- अधिक पैसा लेने को लेकर यात्रियों में आक्रोश है. रेल आम जनता की सवारी मानी जाती है. कम किराए की वजह से यह सभी के लिए सुलभ रहती है. स्पेशल ट्रेनों के नाम पर वसूली करेगा तो गरीब जनता को सफर करने में मुश्किल हो रही है. कैसे सफर करेगी. कोविड के मुश्किल दौर में साधारण ट्रेन न चलाकर स्पेशल के नाम पर ज्यादा पैसा लेना ठीक नहीं. एसी बोगी में पर्दा, चादर नहीं होने से यात्री परेशान है. इसके लिए यात्रियों ने मांग किया कि पैसा लेने के बाद अगर चादर कंबल मिले तो बेहतर है

Also Read: Aadhaar से ऐसे करें IRCTC अकाउंट को लिंक, एक महीने में बुक कर पाएंगे 12 टिकट, जानें प्रोसेस

इनपुट : नितेश

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें