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Heritage Trees: बिहार के 14 पेड़ पहली बार बनेंगे विरासत वृक्ष, 4 जिलों में मिले 70 से 500 वर्ष तक के पुराने पेड़

Heritage Trees: बिहार जैव विविधता पर्षद ने राज्यभर से चिह्नित 1500 पेड़ों में से इन 14 का चयन किया है. इनमें सबसे अधिक बरगद के तीन वृक्ष हैं. इन चौदह में सबसे पुराना बरगद का वृक्ष जमुई जिले में है.

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Heritage Trees: पटना. बिहार में पहली बार 14 पुराने पेड़ विरासत वृक्ष घोषित होंगे. ये वृक्ष 70 से 250 वर्ष पुराने हैं. विशेषज्ञों ने इनकी जांच पूरी कर ली है. चौदह वृक्ष राज्य के चार जिलों जमुई, बक्सर, मुंगेर और भागलपुर में अलग-अलग जगहों के हैं. विशेषज्ञों की जांच के बाद आगे के चरणों में और भी वृक्षों को इस श्रेणी मेंलाया जाएगा, ताकि इन सभी पेड़ों का संरक्षण सुनिश्चित हो. बिहार जैव विविधता पर्षद ने राज्यभर से चिह्नित 1500 पेड़ों में से इन 14 का चयन किया है. इनमें सबसे अधिक बरगद के तीन वृक्ष हैं. इन चौदह में सबसे पुराना बरगद का वृक्ष जमुई जिले में है.

पहले चरण में केवल ऐसे पेड़ होंगे शामिल

चयनित किये गये अन्य विरासत वृक्षों में बरगद के अलावा कनक चंपा, पीपल, शेमल, नीम, पाकड़, महुआ, ईमली और गुलगुड़ के पेड़ हैं. चयनित सभी वृक्ष सरकारी जमीन पर लगे हुए हैं. यही कारण है कि पहले चरण में ही इनकी घोषणा होगी. इस संबंध में जैव विविधता पर्षद के पदाधिकारी बताते हैं कि पर्यावरण संरक्षण में इन वृक्षों की विशेष भूमिका है. विरासत वृक्ष घोषित करने के पहले इस पहलू की भी जांच की जाती है. इसके अलावा ये सभी ऐसे वृक्ष हैं, जो पक्षियों का मुख्य आश्रय स्थल होते हैं. पुराने और विशालकाय होने के कारण ये वृक्ष लोगों को छाया भी प्रदान करते हैं. ऐसे वृक्षों की संख्या राज्य में कम होती जा रही है, ऐसे में इनके संरक्षण को लेकर ये सारे उपाय किये जा रहे हैं.

औरंगाबाद में है 500 वर्ष पुराना बरगद

बिहार जैव विविधता पर्षद की ओर से विरासत वृक्ष घोषित करने के लिए जिन पेड़ों का चयन किया है, उनमें सबसे पुराना औरंगाबाद का है. यहां पर 500 वर्ष पुराना बरगद है, जो करीब एक बीघे में फैला है. इसमें मुख्य पेड़ के अलावा इसकी शाखा से करीब 50 और जड़ें निकली हैं. चूंकि, यह पेड़ सार्वजनिक स्थल पर है, सरकारी भूमि पर नहीं, इसलिए इन्हें पहले चरण में विरासत वृक्ष घोषित नहीं किया जा रहा है. अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के बाद इसे भी विरासत वृक्ष घोषित कर दिया जाएगा. पर्षद ने इसके अलावा 18 और वृक्ष चिह्नित किए हैं, पर ये सभी सार्वजनिक स्थलों अथवा निजी जमीन पर लगे हैं. इन्हें विरासत वृक्ष घोषित करने के पहले संबंधित से अनापत्ति प्रमाणपत्र लिया जाएगा. इसके बाद ही इन वृक्षों को भी विरासत वृक्ष घोषित किये जाएंगे.

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