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लॉकडाउन की आड़ में हो रहा नशीली दवा और सिरप बेचने का कारोबार, पुलिस की रडार पर आधा दर्जन धंधेबाज

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर नशा करने वाले युवा बेहद परेशान हैं. इसका फायदा पटना सहित पूरे बिहार में दवा का काला कारोबार करने वाली कुछ दवा कंपनियां उठा रही हैं. ऐसे लोग लॉकडाउन की आड़ में नकली व नशीली दवाएं धड़ल्ले से मार्केट में उतार रहे हैं.

पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर नशा करने वाले युवा बेहद परेशान हैं. इसका फायदा पटना सहित पूरे बिहार में दवा का काला कारोबार करने वाली कुछ दवा कंपनियां उठा रही हैं. ऐसे लोग लॉकडाउन की आड़ में नकली व नशीली दवाएं धड़ल्ले से मार्केट में उतार रहे हैं. इसका खुलासा पुलिस व औषधि विभाग ने शुक्रवार की देर रात जक्कनपुर थाना क्षेत्र के पटना-गया रेलवे गुमटी स्थित टेंपो स्टैंड के पास पकड़ी गयी लाखों रुपये की दवा की जांच के बाद हुआ. नकली व नशीली दवा मिलने के बाद पटना पुलिस व औषधि विभाग की टीम मामले की जांच शुरू कर दी है.

फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए हिरासत में लिये गये संदिग्धों से दूसरे दिन भी पूछताछ की गयी. दूसरी ओर जांच टीम ने जीएम रोड के बिहारी साव लेन में नकली सेवलोन, सैनिटाइजर आदि दवा बेचने वाले दुकानदारों की लिस्ट बनायी है. पुलिस को करीब आधा दर्जन से अधिक दवा कंपनियों के नाम की जानकारी मिली है. इनके खिलाफ पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की जायेगी. सीएनएफ एजेंसी से मांगा जायेगा दवा विक्रेताओं का ब्योरा धनबाद से पटना पहुंची लाखों रुपये की नकली दवा मामले में एसएसपी पटना के निर्देश के बाद पुलिस टीम ने फरार आरोपितों को पकड़ने के लिए घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला.

साथ ही बरामद निट्रोसन, पैंटोडैक इंजेक्शन, आक्सालगिन, यूनिएंजाइम, त्रिका टैबलेट, विन मेडिकेयर, बेनाड्रिल और कोरेक्स सिरप, कैलपोल टेबलेट आदि दवाओं के विक्रेता व जिम्मेदार सीएनएफ एजेंसी के अधिकारियों से पूछताछ करने के लिए जीएम रोड के बिहारी साव लेन जायेगी. जांच टीम ने सीएनएफ एजेंसी के माध्यम से उन दवा विक्रेताओं का ब्योरा एकत्र करेगी, जो बरामद दवाओं का नकली प्रोडक्ट की बिक्री करते हैं. पुलिस को संदेह है कि जीएम रोड में कुछ नकली दवा के कारोबारी सीएनएफ एजेंसी के अलावा चोरी-छीपे नकली व प्रतिबंधित दवाएं झारखंड के धनबाद, कोलकाता से लाते हैं और अधिक मुनाफा के चक्कर में बेचते हैं.बड़ा नेटवर्क कर रहा गोरखधंधाशहर में नशीली दवाइयां बेचने वाला बड़ा नेटवर्क सक्रिय है.

अधिकांश चाकूबाजी, लूटपाट और चोरी की घटनाओं में शामिल रहने वाले इन्हीं नशीली दवाइयों का सेवन करते हैं. पुलिस ने इसकी रोकथाम को लेकर पिछले साल अभियान भी शुरू किया था, जिसमें जीएम रोड में कई दवा कंपनी के सीएनएफ एजेंसियों पर कार्रवाई भी की गयी थी. इसमें खुलासा हुआ था कि पटना में ऑर्डर पर नकली व नशीली दवाओं की खेप आती है और फिर पूरे बिहार में छोटे व्यापारी खरीद कर अपने दुकानों में बेचने का काम करते हैं. लॉकडाउन में नशीली दवाओं की बढ़ी डिमांडलॉकडाउन में पूरे इंडिया में शराब की दुकानें बंद हैं. नतीजतन प्रदेश में शराब माफिया भी कुछ नहीं चल रही और शराब कहीं मिल भी नहीं रही हैं. इसको देखते हुए नशीली दवाओं व कफ सिरप की डिमांड अधिक बढ़ गयी है. प्रिंट रेट से दो से तीन गुना अधिक दाम पर दवाएं बेची जा रही हैं.

जो कफ सिरप 100 रुपये का होता है, जिसके नशेड़ी 200 से 250 रुपये खरीदते हैं. इसी तरह 50 रुपये वाला एक पत्ता टैबलेट 150 से 200 रुपये में बेचा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि जक्कनपुर थाने की पुलिस व औषधि विभाग की टीम ने करीब तीन लाख रुपये से अधिक की नशीली व नकली दवाएं जब्त की थी. पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर राजीव राज के बयान पर दवा माफियाओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी. क्या कहते हैं एसएसपीपटना-गया रेलवे गुमटी के पास से बरामद दवाओं की जांच की जा रही है.

ड्रग इंस्पेक्टर के बयान पर एफआइआर दर्ज किया जा चुका है. जहां पर दवाओं का स्टॉक फेंका गया, वहां पर लगे सीसीटीवी फुटेज जांच की जा रही है. धनबाद से दवा लाने वाले फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है. पुलिस को कई ठोस सुराग मिले हैं, जिसके बाद जल्द ही नकली व प्रतिबंधित दवा मामले का खुलासा की जायेगी.उपेंद्र कुमार शर्मा, एसएसपी, पटना

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